CM हेमंत ने ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध मामला दर्ज करने की दी स्वीकृति

Edited By Diksha kanojia, Updated: 24 Oct, 2020 03:19 PM

cm gave permission to register a case against the electrical engineer deputed

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार, तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविंद कुमार, बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के...

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार, तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविंद कुमार, बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज करने की स्वीकृति दे दी है।

सोरेन ने शुक्रवार को उपरोक्त अधिकारियों के विरुद्ध पद के दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने के आरोप के मामले में कांड दर्ज करने और दिए गए दो सुझावों के साथ अनुसंधान के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इन सुझावों के तहत अनुसंधानकर्ता द्वारा अनुसंधान के क्रम में सभी आरोपी पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा तथा अनुसंधान तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा ऊर्जा विभाग के द्वारा इस मामले को लेकर गठित समिति के प्रतिवेदन में दिए गए तथ्यों को विचारित करे। आरोपित पदाधिकारियों के विरुद्ध पद का दुरुपयोग करने संबंधी परिवाद पत्र दायर किया गया था। इसके आलोक में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को प्रारंभिक जांच के लिए प्राधिकृत किया गया था।

एसीबी ने परिवाद पत्र में दर्ज सभी आरोपों की प्रारंभिक जांच कर तथ्यों के साथ अबतक उपलब्ध साक्ष्य एवं दस्तावेजों के आधार पर तीनों पदाधिकारियों के विरुद्ध विस्तृत अनुसंधान के लिए कांड अंकित करने की अनुशंसा की थी। एसीबी द्वारा प्रतिवेदन समर्पित किए जाने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने उसकी समीक्षा करने के उपरांत संबंधित प्रशासी विभाग (ऊर्जा) की सहमति प्राप्त कर कांड दर्ज करने के लिए अनुमति की मांग की गई। इसके लिए ऊर्जा विभाग को जांच प्रतिवेदन भेजा गया।

इसके आलोक में ऊर्जा विभाग द्वारा तीनों आरोपी पदाधिकारियों से पक्ष (प्रतिवेदन) मांगा गया। उनके द्वारा पक्ष रखे जाने के बाद विभाग की ओर से उसकी समीक्षा को लेकर समिति का गठन किया गया। इस समिति ने मामले की समीक्षा करने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को प्रतिवेदन समर्पित कर दिया। ऐसे में विभागीय मंतव्य को एसीबी द्वारा विचारित करने तथा कांड दर्ज करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है।

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