Edited By Khushi, Updated: 02 Oct, 2024 03:15 PM
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में देवघर सीट पर बीजेपी कैंडिडेट नारायण दास ने जीत हासिल की थी। नारायण दास को 95 हजार चार सौ 91 वोट लाया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट सुरेश पासवान ने 92 हजार आठ सौ 67 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था।
देवघर: देवघर विधानसभा सीट झारखंड की धार्मिक राजधानी के तौर पर जानी जाती है। देवघर ज़िले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
झारखंड बनने के बाद अगर बात करें विधानसभा चुनाव की तो साल 2005 में देवघर सीट पर जेडीयू के कामेश्वर नाथ दास विधायक चुने गए जबकि 2009 में यह सीट राजद के खाते में गई और सुरेश पासवान यहां से विधायक चुने गए।
वहीं 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट नारायण दास ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में देवघर सीट पर बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में देवघर सीट पर बीजेपी कैंडिडेट नारायण दास ने जीत हासिल की थी। नारायण दास को 95 हजार चार सौ 91 वोट लाया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट सुरेश पासवान ने 92 हजार आठ सौ 67 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था। वहीं जेवीएम कैंडिडेट निर्मला भारती नौ हजार नौ सौ 70 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर बीजेपी के नारायण दास ने आरजेडी के सुरेश पासवान को 45 हजार एक सौ 52 वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया था। नारायण दास को कुल 92 हजार 22 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी के सुरेश पासवान को कुल 46 हजार आठ सौ 70 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहीं जेएमएम की निर्मला भारती को कुल 23 हजार चार सौ 59 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर राजद के सुरेश पासवान ने जेवीएम के बलदेव दास को 17 हजार सात सौ 40 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। सुरेश पासवान को कुल 49 हजार छह सौ दो वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे जेवीएम के बलदेव दास को कुल 31 हजार आठ सौ 62 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे जेडीयू के कामेश्वर नाथ दास को 33 हजार नौ सौ नौ वोटों से संतोष करना पड़ा था।
देवघर विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है। भगवान शिव की इस प्रसिद्ध नगरी में बीजेपी हर कीमत पर जीत हासिल करना चाहती है।