Edited By Khushi, Updated: 11 Sep, 2023 01:51 PM

झारखंड के लोहरदगा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स की 12 साल पहले दोनों किडनियां खराब हो गई, जिसके बाद वह इतने सालों से मौत के साथ जंग लड़ रहा है।
लोहरदगा: झारखंड के लोहरदगा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स की 12 साल पहले दोनों किडनियां खराब हो गई, जिसके बाद वह इतने सालों से मौत के साथ जंग लड़ रहा है।
दरअसल, जिले के शहरी क्षेत्र के सोमवार बाजार बंगला रोड के रहने वाले माजिद कयूम की दोनों किडनी साल 2011 में खराब हो गई थी, जिसके बाद से डायलिसिस के सहारे वह अपना जीवन जी रहा है। पहले कभी वह डायलिसिस के लिए पटना या रांची जाता था। इसमें काफी पैसे खर्च होते थे, लेकिन अब माजिद लोहरदगा सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर में फ्री डायलिसिस सेवा का लाभ ले रहे हैं। उनका सप्ताह में 2 दिन डायलिसिस होता है।
माजिद प्रत्येक दिन अपने निजी व्यवसाय हार्डवेयर दुकान से समय निकालकर डायलिसिस सेंटर में भी समय देते हैं। यहां पर आने वाले मरीजों को जीने का जज्बा देते हैं। माजिद कहते हैं कि अभी उम्मीद खत्म नहीं हुई है। हमें आगे बढ़ते जाना है। वहीं, खास बात तो ये है कि माजिद के परिवार में 5 भाई और 6 बहनें हैं और चारों बहने इसी समस्या से जूझ रही थी। एक भाई को भी यही समस्या थी। कहा जाता है कि उनके परिवार में किडनी फेल एक जेनेटिक बीमारी है।
माजिद ने बताया कि लोहरदगा में डायलिसिस सेवा शुरू करने को लेकर उन्होंने एस्केग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड के डॉक्टर सत्यजीत से मुलाकात की थी। माजिद लोहरदगा में केंद्र खुलवाने को लेकर कोलकाता भी गए। एस्केग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड के पदाधिकारी से भी मिले। उन्होंने सभी को समझाया कि लोहरदगा के लिए यह कितना जरूरी है, जिसके बाद झारखंड के 18 स्थान में से लोहरदगा में भी पीपीपी मोड पर डायलिसिस सेंटर शुरू हुआ। इस डायलिसिस सेंटर में प्रतिदिन 8 से 10 लोगों का फ्री डायलिसिस किया जाता है।