Edited By Khushi, Updated: 18 Oct, 2024 04:58 PM
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। जमुआ से बीजेपी के विधायक केदार हाजरा और आजसू के पूर्व विधायक उमाकांत रजक दोनों ने अपनी-अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। जमुआ से बीजेपी के विधायक केदार हाजरा और आजसू के पूर्व विधायक उमाकांत रजक दोनों ने अपनी-अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
जानकारी के मुताबिक केदार हाजरा और उमाकांत रजक ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर भाजपा विधायक केदार हाजरा और आजसू के पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों को झामुमो की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करवाई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के सैकड़ों समर्थकों ने भी झामुमो की सदस्यता ग्रहण की है। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा जमुआ से केदार हाजरा को अपना उम्मीदवार बना सकती है तो वही चंदनकियारी से उमाकांत रजक को अपना उम्मीदवार बना सकती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामते ही उमाकांत रजक ने कहा है कि उन्होंने गुरु जी के छोटे सिपाही के रूप में काम किया है। हेमंत सोरेन पूरे झारखंड प्रदेश की आवाज बने हैं। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं। मैं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को मजबूती देने के लिए कंधे से कन्धा मिलाकर चलूंगा। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावी माहौल में फिर से अपने घर में वापसी हुई है। झारखंड के आदिवासी मूलवासी सावधान हो जाये। बाहर से आये नेताओं से सावधान हो जाये। वो लोग यहां आकर केवल जाती धर्म के नाम पर झारखंड की जनता को लड़ाने के काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाने में पूरी ताकत लगा देंगे। हम लोग जेल से नहीं डरते हैं। इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
बता दें कि पूर्व विधायक उमाकांत रजक ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा कि उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए सभी पदों से मुक्त किया जाए। रजक ने इस्तीफे के पीछे पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने की बात कही है। टिकट न मिलने के बारे में उन्होंने कहा, 'पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो इस्तीफा देना ही पड़ा।'