Edited By Diksha kanojia, Updated: 21 Feb, 2021 02:57 PM
सीएम ने कहा कि आदिवासी न कभी हिंदू थे और न हैं। सीएम ने आगे कहा कि सदियों से आदिवासी समाज को हर जगह दबाया गया है। उन्हें कभी ट्राइबल तो कभी इंडिजिनस बताया गया है। सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और साथ ही इनके अलग- अलग रीति-रिवाज भी...
रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान आदिवासी समाज को लेकर उन्होंने बड़ा दावा भी किया। सीएम ने कहा कि आदिवासी न कभी हिंदू थे और न हैं। सीएम ने आगे कहा कि सदियों से आदिवासी समाज को हर जगह दबाया गया है। उन्हें कभी ट्राइबल तो कभी इंडिजिनस बताया गया है।
सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और साथ ही इनके अलग- अलग रीति-रिवाज भी हैं। ऐसा दावा करते हुए हेमंत ने कहा कि इस बात पर बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है। साथ ही सीएम ने इस बार की जनगणना में आदिवासी समाज के लिए अन्य का भी प्रावधान हटा दिया गया है। सोरेन ने कहा कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ।
संविधान में पांचवीं और छठी अनुसूची भी आदिवासी हित के लिए बनाई गई है। आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति, व्यवस्था बिल्कुल अलग है। आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने के लिए वर्षों से मांग रखी जा रही है।