Edited By Swati Sharma, Updated: 17 Aug, 2024 01:02 PM
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले को लेकर पूरे देश के डॉक्टर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका असर बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है। पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में मरीजों की...
पटना: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले को लेकर पूरे देश के डॉक्टर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका असर बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है। पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में मरीजों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा बुलाई गई 24 घंटे की हड़ताल ने अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है। मरीजों का इलाज रुकने से अस्पताल में दाखिल मरीजों की तबीयत बिगड़ती जा रही है।
ओपीडी सेवाएं भी ठप
वहीं, जिन मरीजों को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था, उनके ऑपरेशन टल गए हैं और कई मरीज बिना इलाज के ही वापस जाने को मजबूर हो गए। इमरजेंसी सेवाओं पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। स्ट्राइक के कारण न केवल ऑपरेशन टले हैं, बल्कि ओपीडी सेवाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे रोजाना आने वाले सैकड़ों मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पीएमसीएच के वार्ड में भर्ती मरीजों के परिवारजन इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं। एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी बेटी की हालत गंभीर है, लेकिन कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इस हड़ताल के चलते न केवल मरीजों की देखभाल में बाधा आई है, बल्कि दवाओं की आपूर्ति और अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
मरीजों को भुगतना पड़ रहा हड़ताल का खामियाजा
बता दें कि आईएमए ने यह हड़ताल सरकार की स्वास्थ्य नीतियों और डॉक्टरों के साथ हो रहे कथित अन्याय के खिलाफ की थी। हालांकि, इस हड़ताल का खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ा है। अब देखना यह होगा कि इस संकट का समाधान कैसे और कब तक निकलता है। सरकार और संबंधित अधिकारियों से स्थिति को नियंत्रण में लाने की अपील की जा रही है, ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके और उन्हें सही समय पर इलाज मिल सके।