Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Nov, 2024 02:04 PM
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी ने आरक्षण को लेकर बिहार सरकार से ठोस कदम उठाने और इसे 85% तक बढ़ाने की मांग की है। साथ ही इसके लिए विशेष कमेटी बनाने और केंद्र सरकार से इसे नवमी अनुसूची में शामिल...
पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी ने आरक्षण को लेकर बिहार सरकार से ठोस कदम उठाने और इसे 85% तक बढ़ाने की मांग की है। साथ ही इसके लिए विशेष कमेटी बनाने और केंद्र सरकार से इसे नवमी अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करने की बात कही।
'हमने कैबिनेट के ज़रिए केंद्र सरकार को सिफ़ारिश भी भेजी थी कि...'
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने कैबिनेट के ज़रिए केंद्र सरकार को सिफ़ारिश भी भेजी थी कि इसे अनुसूची 9 में शामिल किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार में बैठे लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई। देश में पहली बार जाति आधारित जनगणना हुई और आरक्षण की सीमा भी इतनी बड़ी सीमा तक बढ़ाई गई, इसलिए हम तमिलनाडु की तर्ज पर इसे सुरक्षित करना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया और कुछ लोग कोर्ट चले गए और इसे रुकवा दिया...अगर सरकार इच्छुक है तो नया विधेयक ला सकती है और एक समिति भी बनाई जा सकती है। यह कमेटी आरक्षण के विषय पर पूरी समीक्षा करे और अपनी रिपोर्ट कैबिनेट में प्रस्तुत करे।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर भी कसा तंज
राजद नेता ने कहा कि सरकार को इस रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 85% करने का प्रस्ताव तुरंत मंजूर करना चाहिए। इसके बाद इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजकर इसे संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा की जाए। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार उनके साथ थे, तब उन्होंने आरक्षण का समर्थन किया था, लेकिन अब वे इस मुद्दे पर चुप हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार पर "संगत का असर" पड़ गया है और अब वे इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे। बता दें कि तेजस्वी यादव के इस बयान ने आरक्षण को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।