Edited By Ramanjot, Updated: 07 Dec, 2025 05:16 PM

देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
8th Pay Commission: देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, यह आयोग 1 जनवरी 2028 से लागू किया जा सकता है, जो भारत के आर्थिक इतिहास में सबसे भारी वित्तीय प्रभाव वाला कदम साबित हो सकता है।
नीलकंठ मिश्रा की चेतावनी: 9 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है वेतन–पेंशन का बोझ
CII India@2025 Summit में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि नए वेतन संशोधन का कुल भार ₹4 लाख करोड़ से बढ़कर एरियर समेत ₹9 लाख करोड़ तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों को अगले वर्षों में “Major Fiscal Pressure” का सामना करना पड़ेगा।
कितना बढ़ेगा खर्च? जानिए पूरी गणित
- Business Today की रिपोर्ट के मुताबिक: सिर्फ Annual Salary & Pension Bill में ही ₹4–5 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ
- जनवरी 2026 से मार्च 2028 तक के 5 Quarters Arrears: लगभग ₹3.5–4 लाख करोड़
- पहले ही साल में कुल वित्तीय झटका: ₹7.5–9 लाख करोड़
यह राशि 7th Pay Commission के मुकाबले 7–8 गुना ज्यादा मानी जा रही है।
इसकी वजहें—
- सरकारी वेतन–पेंशन का पहले से ही ₹11–12 लाख करोड़ का बड़ा बेस
- संभावित Fitment Factor 2.5–3x
सरकार ने बताया—8th CPC का दायरा क्या है?
राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि 8th Pay Commission में Pay, Allowance, Pension सभी शामिल रहेंगे। यानी पेंशन संशोधन को लेकर पेंशनरों की चिंता लगभग खत्म। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि DA–DR Merger फिलहाल प्रस्ताव में नहीं है। यह कदम तभी सोचा जाएगा जब 8th CPC की अंतिम रिपोर्ट आएगी। DA के 50% पार करने की संभावना 2026 के मध्य में जताई जा रही है।
कर्मचारियों को राहत, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती
50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनरों के लिए यह राहत की खबर है, लेकिन दूसरी ओर भारत के लिए यह Fiscal Balancing की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक होगी। 2027 में आयोग की रिपोर्ट और 2028 में क्रियान्वयन के साथ अगले वर्षों में वित्तीय प्रबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगा। नीलकंठ मिश्रा के अनुसार— “FY28 भारत की वित्तीय दिशा तय करने वाला अहम साल होगा।”