Chhath Puja 2025: छठ पूजा में क्यों लगाया जाता है नाक से माथे तक Orange Sindoor? जानिए इसके Religious और Scientific कारण

Edited By Ramanjot, Updated: 25 Oct, 2025 07:47 PM

chhath puja 2025 sindoor meaning

बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की शुरुआत होते ही घाटों पर आस्था का समंदर उमड़ पड़ता है। व्रती महिलाएं सिर पर साड़ी का पल्लू ओढ़े, नाक से माथे तक गहरा नारंगी सिंदूर लगाए नजर आती हैं।

Chhath Puja 2025: बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा की शुरुआत होते ही घाटों पर आस्था का समंदर उमड़ पड़ता है। व्रती महिलाएं सिर पर साड़ी का पल्लू ओढ़े, नाक से माथे तक गहरा नारंगी सिंदूर लगाए नजर आती हैं। यह दृश्य न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति, विज्ञान और नारी ऊर्जा का शानदार संगम भी है।

कई लोग इसे सिर्फ सजने-संवरने की परंपरा मानते हैं, लेकिन नाक से माथे तक सिंदूर लगाने के पीछे गहरा वैज्ञानिक और धार्मिक कारण छिपा है। आइए जानते हैं इस अद्भुत परंपरा का रहस्य—

Sindoor Color and the Sun Connection | Chhath Puja Sindoor Significance

छठ पूजा का संबंध Surya Dev (Sun God) से है, इसलिए नारंगी सिंदूर का रंग बेहद खास होता है। यह रंग ऊर्जा, तेज और सकारात्मकता का प्रतीक है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी ऑरेंज कलर Positive Vibration पैदा करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा और आत्मविश्वास दोनों बढ़ते हैं। जब महिलाएं नाक से माथे तक सिंदूर लगाती हैं, तो यह सूर्य की रोशनी और स्त्री शक्ति के एकत्व का संकेत बन जाता है।

Science Behind Applying Sindoor | Scientific reason behind sindoor in Chhath Puja

नाक से माथे तक का भाग शरीर के Agnichakra और Ajna Chakra से जुड़ा होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इस जगह सिंदूर लगाने से—

  • मस्तिष्क में रक्त प्रवाह संतुलित रहता है
  • तनाव और सिरदर्द में राहत मिलती है
  • मानसिक एकाग्रता बढ़ती है

सिंदूर में Haldi (Turmeric) और Mercury (पारा) के तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को ठंडक और ऊष्मा का संतुलन प्रदान करते हैं। छठ पूजा सर्दी के मौसम में होती है, इसलिए यह शरीर की तापीय सुरक्षा में भी मदद करता है।

Religious Meaning of Full-Length Sindoor | Religious importance of sindoor during Chhath

छठ व्रती महिलाओं के लिए सिंदूर केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि Suhag और Samarpan (Devotion) का प्रतीक है। नाक से माथे तक सिंदूर लगाने का अर्थ है — “मैं अपने परिवार की दीर्घायु, सूर्य समान तेज और सुख की कामना करती हूं।”

छठ में सिंदूर को "Pavitra Agni Rekha" कहा जाता है — जो सूर्य की उष्मा और स्त्री की शीतलता के मिलन का प्रतीक है।

Why Orange Sindoor is Special in Chhath Puja | Orange sindoor meaning in Chhath Puja

छठ में महिलाएं लाल नहीं बल्कि Orange tone का सिंदूर लगाती हैं। यह रंग न तो पूरी तरह आक्रामक है, न ही शांत — बल्कि यह संतुलन और ऊर्जा दोनों का प्रतीक है। यह सूर्य की केसरिया आभा से मिलता-जुलता है, जो स्त्री की श्रद्धा और शक्ति दोनों को दर्शाता है।

Symbol of Faith, Energy & Woman Power | Chhath Puja 2025 Sindoor Tradition

छठ पूजा में नारंगी सिंदूर सिर्फ रंग नहीं, बल्कि यह एक संदेश है — Faith, Energy और Woman Power का संगम!
यह परंपरा बताती है कि भारत की हर पूजा में Science और Spirituality दोनों का गहरा रिश्ता है।

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