Edited By Ramanjot, Updated: 30 Dec, 2025 09:12 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बंद दोनों चीनी मिलों को पूर्ण संचालन करने के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया है।
Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बंद दोनों चीनी मिलों को पूर्ण संचालन करने के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया है। इसी संदर्भ में सचिवालय स्थित सहकारिता कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि राज्य की दो बंद पड़ी चीनी मिलों को सहकारिता विभाग के माध्यम से संचालित किया जायेगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है, जिसमें सकरी और रैयाम चीनी मिलें शामिल हैं।
इस संदर्भ ने मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कैबिनेट से इस प्रस्ताव पर अंतिम रूप से स्वीकृति मिलने के बाद ही सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके बाद ही चीनी मिलों के संचालन की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि खरीफ विपणन मौसम 2025-26 में निर्धारित लक्ष्य 36.85 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध 6620 समितियों ने प्रदेश के 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है। वहीं किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 1755 करोड़ रुपये का भुगतान उनके खाते में कर दिया गया है।
28 फरवरी तक होगा किसानों का धान क्रय का काम- सहकारिता मंत्री
इस प्रेस वार्ता में मंत्री प्रमोद कुमार ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि 28 फरवरी 2026 तक समितियों के माध्यम से किसानों का धान क्रय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि धान बेचने के इच्छुक किसानों की सूची बनाने और उनके लिए तिथि का निर्धारण कर धान क्रय करने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दी गई है। किसानों को 48 घंटे में राशि का भुगतान किया जा रहा है। किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके साथ ही राज्य के सहकारी समितियों में 7221 गोदाम का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2025-26 में 278 गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति में है, जिसमें दो सौ, पांच सौ और एक हजार मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम शामिल हैं। इसमें 2.49 लाख एमटी भंडारण क्षमता का सृजन हो सकेगा। दो जनवरी से राज्य के सभी पंचायतों में पैक्स सदस्यता सह जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। ताकि पैक्सों में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा सके।
पैक्सों में कॉमन सेवा केंद्र का किया गया स्थापना
सहकारिता मंत्री ने यह भी बताया कि विभाग के माध्यम से 25 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण व विपणन योजना के तहत राज्य के 114 प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों में आधारभूत संरचना का कार्य प्रगति पर है। इसके अंतर्गत कोल्ड स्टोरज, 20 मीट्रिक टन ड्राई कोल्ड स्टोरेज, शॉर्टिंग-ग्रेडिंग-पैकिंग यूनिट और प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे फसल उपरांत नुकसान में कमी आएगी।
मुंगेर जिले के पांच और प्रखंडों में आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन सौ प्रकार की सेवाएं पैक्स द्वारा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगभग 6292 पैक्सों में कॉमन सेवा केंद्र की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें 5262 समितियां क्रियाशील है। अभी तक पैक्सों द्वारा पांच करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया जा चुका है। स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से 24 लोगों को 75 लाख का गोल्ड लोन दिया गया है।
सहकारिता विभाग के माध्यम से शुरू होगी नई योजनाएं
मंत्री ने कहा कि नई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सहकारिता विभाग के माध्यम से भविष्य में कई योजनाएं संचालित की जायेगी। जिसमें मेगा फूड पार्क, प्रोसेसिंग यूनिट, पॉली हाउस, रीफर गाड़ियों की खरीद, पैकेजिंग हाउस, डिहाईड्रेशन यूनिट, हल्दी प्रसंस्करण यूनिट, टमाटर प्रसंस्करण यूनिट सहित अन्य योजनाएं प्रस्तावित है।
फसल सहायता योजना के तहत 33.19 लाख किसानों को मिली राशि
सहाकारिता मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत खरीफ मौसम में धान, मक्का, सोयाबीन, आलू, बैगन, टमाटर, गोभी एवं मखाना और रबी मौसम में गेहूं, रबी मकई, चना, मसूर, अरहर सहित अन्य फसलों को आच्छादित किया गया है। इसके अतिरिक्त योजना के प्रारंभ से अबतक 33.19 लाख किसानों के बीच 2206.84 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है। इस मौके पर विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह, अपर सचिव अभय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।