Bihar News: फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स ऑफ ईस्टर्न स्टेट की बैठक में ऊर्जा सचिव ने रखी बिहार में बिजली क्षेत्र की प्रगति की कहानी

Edited By Swati Sharma, Updated: 30 Nov, 2024 06:38 PM

energy secretary presented the story of progress of power sector in bihar

बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (बीईआरसी) द्वारा होटल ताज में आयोजित फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स ऑफ ईस्टर्न स्टेट (एफओआरएनएस) की बैठक में ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार में बिजली के क्षेत्र में हुई प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। इस बैठक...

पटना: बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (बीईआरसी) द्वारा होटल ताज में आयोजित फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स ऑफ ईस्टर्न स्टेट (एफओआरएनएस) की बैठक में ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार में बिजली के क्षेत्र में हुई प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। इस बैठक में पाल को बिहार द्वारा ऊर्जा प्रक्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों के विषय में प्रस्तुति लिए आमंत्रित किया गया। अपने प्रस्तुतिकरण में उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में बिहार ने ऊर्जा के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की है।

'संचरण लाइनों की लंबाई में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई'
पंकज कुमार पाल ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बिहार बिजली व्यवस्था में आमूलचूल सुधार के लिए जो दूरदर्शी सोच थी उसके आलोक में एक रोड मैप तैयार किया गया है, जिसे माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की देखरेख में क्रियान्वित किया गया। माननीय मुख्यमंत्री ने हर गांव, हर टोले में बिजली पहुंचाने के साथ साथ राज्य में ‘हर घर बिजली’ पहुंचाने का निश्चय किया। उसकी सफलता ने पूरे देश के लिए ऐसा दृष्टांत बनाया कि केंद्र सरकार ने इसके आधार पर सौभाग्य योजना को पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने जर्जर तारों से हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे बदलने हेतु रिकन्डक्टरिगं योजना की नींव रखी। राज्य में बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए वितरण और संचरण प्रणाली को सुदृढ़ करने की योजनाएं बनाई गईं। ग्रिड उपकरणों की संख्या पिछले वर्षों में 45 से बढ़कर 168 हो गई। इसी तरह संचरण लाइनों की लंबाई में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। राज्य में शक्ति उपकेंद्रों का एक विस्तृत नेटवर्क तैयार हो गया। घर, गली, मोहल्ले में ट्रांसफार्मर लगाए गयें। खराब ट्रांसफार्मरों को 24 घंटों में बदला जाने लगा।

'आज बिहार के लोगों को 22-24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही'
पाल ने बताया कि सुदृढ़ वितरण एवं संचरण व्यवस्था के कारण राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 1000  मेगावाट से बढ़कर 8005 मेगावाट हो गई। इसी तरह प्रति वर्ष ऊर्जा की खपत भी 70 यूनिट बढ़कर 363 यूनिट हो गई। पाल ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के किसानों को सिंचाई का पानी सुगमता एवं सस्ते दर पर मिलने लगा। इसके लिए मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर कृषि कनेक्शन दिया जा रहा है तथा कृषि कार्य हेतु बिजली दर में 92 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। आज बिहार के लोगों को 22-24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है। माननीय मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बताते हुए इसके प्रोत्साहन के लिए राज्य में अनेकों पहल किया है। आज बिहार में फ्लोटिंग सोलर ऊर्जा, नहरों के किनारे सोलर प्लांट व रूफटॉप  सोलर परियोजना व्यापक पैमाने पर लगायी जा रही है। लखीसराय के कजरा में 185 मेगावाट की बड़ी सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। जिसमें देश की सबसे बड़ी बैटरी सोलर प्रणाली परियोजना लगाई जा रही है।

'आज राज्य की विद्युत कंपनियां आत्मनिर्भर हो रही'
ऊर्जा विभाग के सचिव ने कहा कि माननीय ऊर्जा मंत्री के मार्गदर्शन में आज राज्य की विद्युत कंपनियां आत्मनिर्भर हो रही है। गत वर्ष वितरण कंपनियां पहली बार मुनाफे में आई हैं। पूरे देश में यह एक अनुकरणीय उपलब्धि है। बैठक में बिहार की उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई एवं उपलब्धियों की सराहना की गई। बैठक में बीईआरसी के चेयरमैन अमीर सुबहानी, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ निलेश देवरे, टाटा पावर से संजय कुमार बंगा, पीडब्ल्यूसी से पदम मिश्रा सहित अन्य विशिष्ट लोग मौजूद थे। सभी ईआरसी के चेयरमैन व सदस्यगण उपस्थित थे जिनमें अरुणाचल प्रदेश से आर के जोशी, झारखंड से अतुल कुमार व महेंद्र प्रसाद, मणिपुर से आर थांगा, मिजोरम से बेंजामिन एल ट्लूमेटा, ओडिशा से गजेंद्र मोहपात्रा, सिक्किम से केबी कुंवर, पश्चिम बंगाल से मलेला वेंकटेश्वर राव प्रमुख थे।

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