Edited By Ramanjot, Updated: 08 Dec, 2022 10:46 AM

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा मद्यनिषेध के विरुद्ध नहीं लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है। इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नवंबर में वीआईपी और सरकारी कर्मचारी तो केवल...
पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में शराब से जुड़े मामलों में एक माह के दौरान 45 हजार से ज्यादा गरीब-जनजातीय लोगों की गिरफ्तारी और तीन लाख लीटर शराब बरामद होना साबित करता है कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने में प्रदेश की नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा मद्यनिषेध के विरुद्ध नहीं लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है। इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नवंबर में वीआईपी और सरकारी कर्मचारी तो केवल 739 पकड़े गए जबकि गरीब और पिछड़ी जातियों के छह लाख लोग हर साल जेल भेजे जा रहे हैं। शराबबंदी गरीबों पर भारी पड़ रही है।
मोदी ने कहा कि केवल शराब पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने जब एक माह (नवंबर- 2022) में एक लाख 28 हजार से ज्यादा छापामारी की तब जाहिर है कि कानून-व्यवस्था के दूसरे मामलों के लिए उनके पास समय नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब की होम डेलिवरी में हजारों लोग लगे हैं और सैकड़ों वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन होम डेलीवरी करने वाले मात्र 952 लोग पकड़े गए और सिर्फ 1469 वाहन जब्त हुए।
भाजपा सांसद ने कहा कि ये आंकड़े खुद सरकार के हैं और इससे पता चलता है कि पुलिस शराब माफिया के लोगों पर नरम और आम लोगों के प्रति सख्त होकर दोनों तरफ से वसूली में लगी है। उन्होंने कहा कि यदि रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में तीन लाख लीटर शराब जब्त की गई तो इतनी शराब आ कहां से रही है। सरकार इसकी तस्करी रोक नहीं पा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2016 की पूर्ण शराबबंदी नीति पर हठ छोड़कर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए।