Edited By Ramanjot, Updated: 02 Dec, 2023 05:36 PM

जीतन राम मांझी ने कहा कि मद्य निषेद पर नीतीश सरकार ये दावा करती है कि इनको नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए लेकिन बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल है। शराबबंदी मामले में जो बंदी हैं उनमें 80 % दलित हैं जो एक पैग पीकर शाम में घर जाता है। वैसे लोगों को...
पटनाः बिहार में शराबबंदी पर एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में हमारी सरकार आती है तो शराबबंदी कानून खत्म कर देंगे।
"बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल"
जीतन राम मांझी ने कहा कि मद्य निषेद पर नीतीश सरकार ये दावा करती है कि इनको नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए लेकिन बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल है। शराबबंदी मामले में जो बंदी हैं उनमें 80 % दलित हैं जो एक पैग पीकर शाम में घर जाता है। वैसे लोगों को इन्होंने जेल में बंद कर रखा है। 500 कमाने वाला 2000 और 3000 कहां से देगा, इसलिए वह जेल चला जाता है। उन्होंने आगे कहा, "मेरी सरकार आएगी तो हमलोग या तो गुजरात की तर्ज पर लागू करेंगे या यूं ही छोड़ देंगे।"
"सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली"
मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। उन्होंने कहा कि साल 2005 से 2010 में नीतीश सरकार ने बिहार के गांव-गांव में शराब बेचने का लाइसेंस दे दिया लेकिन फिर अचानक इन्हें एहसास हुआ कि इसे पूरी तरह से बंद करना है। यह सब अनुसूचित जाति को परेशान करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि गरीब तबका का लोग थकान मिटाने के लिए पाव भर पी लेते हैं। लेकिन इसके बाद पुलिस ब्रेथ एनालाइजर लगाकर इन्हें जेल के अंदर धकेल देती है।