Edited By Ramanjot, Updated: 26 May, 2022 11:32 AM
लालू प्रसाद यादव मीसा के दिल्ली स्थित आवास पर चारा घोटाला मामलों में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने जमानत पर रिहा किए जाने के बाद से रह रहे थे। चेहरे को ढके हुए व्हीलचेयर पर उदास दिख रहे अपने तेजतर्रार नेता का स्वागत करने के लिए पटना हवाई...
पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बिहार में जातीय जनगणना, राज्यसभा चुनाव को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तापमान के बीच बुधवार को अपने गृह राज्य बिहार लौटे। वह अपनी सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ पटना पहुंचे।
लालू प्रसाद यादव मीसा के दिल्ली स्थित आवास पर चारा घोटाला मामलों में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने जमानत पर रिहा किए जाने के बाद से रह रहे थे। चेहरे को ढके हुए व्हीलचेयर पर उदास दिख रहे अपने तेजतर्रार नेता का स्वागत करने के लिए पटना हवाई अड्डे पर राजद समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद थी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू बिना पत्रकारों से कोई बात किए कार में सवार होकर पत्नी राबड़ी देवी के आवास पहुंचे। दिलचस्प बात यह है कि लालू प्रसाद यादव का दिल्ली से पटना आगमन उस समय हुआ है जब उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का केंद्रीय मंत्री के रूप में भविष्य जदयू द्वारा राज्यसभा की पांच सीटों में से एक जिसके लिए द्विवार्षिक चुनाव होना है के वास्ते उनके पुनर्नामांकन पर टिका हुआ प्रतीत होता है।
उत्तरप्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का उस समय विश्वास अर्जित किया था जब वह रेल मंत्री थे। बिहार में नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद आरसीपी सिंह लंबे समय तक उनके प्रधान सचिव रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा निवासी और कुर्मी जाति से ताल्लुक रखने वाले आरसीपी सिंह ने राजनीति में प्रवेश करने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वह 2010 में जदयू में शामिल हुए ओर उन्हें नीतीश कुमार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन किया गया था। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के कुछ महीने बाद उन्होंने पार्टी का शीर्ष पद छोड़ दिया।
माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह के लिए जदयू से राज्यसभा का एक और कार्यकाल हासिल करना इसबार कठिन होगा क्योंकि पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के साथ उनके समीकरण हाल के दिनों में ठीक नहीं रहे हैं। ललन सिंह तीन दशकों से नीतीश के भरोसेमंद राजनीतिक सहयोगी रहे हैं।