Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jul, 2022 12:22 PM

जंगी और जलालउद्दीन से पूछताछ में पता चला है कि पीएफआई के खतरनाक मंसूबो को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने बिहार और यूपी में एक स्लीपर सेल तैयार कर दिया था। इससे कट्टर पंथी विचारधारा वाले मुस्लिम युवकों को शामिल किया गया था। एसडीपीआई और अन्य नामों से...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल को लेकर एनआईए की एक जांच टीम ने पटना पुलिस से इस मामले से जुड़ी जानकारियां ली हैं। इससे पहले पटना पुलिस ने इस मामले में जेल भेजे गए नुरुद्दीन जंगी और मो जलालउद्दीन को 48 घंटे के रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इस पूछताछ में कई खुलासे हुए है।
जंगी और जलालउद्दीन से पूछताछ में पता चला है कि पीएफआई के खतरनाक मंसूबो को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने बिहार और यूपी में एक स्लीपर सेल तैयार कर दिया था। इससे कट्टर पंथी विचारधारा वाले मुस्लिम युवकों को शामिल किया गया था। एसडीपीआई और अन्य नामों से बने संगठन के जरिए इनके साथ बैठकें भी होती थी। पूछताछ में लखनऊ से गिरफ्तार नुरुद्दीन जंगी ने बताया की वह एडवोकेट है और पीएफआई से जुड़े लीगल मामलों को देखता है। इसी क्रम में उसका बिहार और यूपी के कई शहरों मे आना जाना होता है। जबकि मो जलालउद्दीन जो झारखंड पुलिस का रिटायर सब इंस्पेक्टर है।
नुरुद्दीन जंगी ने बताया कुछ उसने सब कुछ जानते हुए अत हर परवेज को अपना मकान किराए पर दिया था। ट्रेनिंग के लिए जो लोग बाहर से आते थे उन्हें फर्जी नाम से होटल मे रुकवाने की व्यवस्था भी वहीं करता था। यह भी सामने आया है कि पीएफआई को क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे विदेशो से आते थे। कतर के एक अल्फासो नाम के एंजियो के जरिए ये पैसे भेजे जाते थे।