Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Aug, 2024 10:40 AM
केंद्र सरकार ने यूपीएससी लेटरल एंट्री पर यू टर्न ले लिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यूपीएससी को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री से नियुक्ति न करने के लिए कहा है। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री...
पटना: केंद्र सरकार ने यूपीएससी लेटरल एंट्री पर यू टर्न ले लिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यूपीएससी को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री से नियुक्ति न करने के लिए कहा है। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
'विपक्ष को पहले अपनी सरकारों पर उठानी चाहिए उंगली'
चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दलितों के हितों के संरक्षण के लिए तमाम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण है। यही कारण रहा कि उन्होंने इसे रद्द करने का काम किया। चिराग ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि लेटरल एंट्री की शुरुआत किसने की थी?...अगर आपको(विपक्ष) इसको लेकर इतनी ही चिंता थी, तो सबसे पहले आपको अपनी सरकारों पर उंगली उठानी चाहिए, जिन्होंने दशकों पहले इसकी शुरुआत की थी।
इधर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों की बात को समझते हुए ये निर्देश दिया है। हम धन्यवाद देते हैं नरेंद्र मोदी जी को कि लोगों ने कहा कि इसमें आरक्षण नहीं है तो उन्होंने उन बातों को समझते हुए उसे स्थगित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही विपक्ष पर हमला करते हुए मांझी ने कहा कि आज ही नहीं, बल्कि पहले भी जवाहर लाल नेहरू भी अपने लोगों को डिप्टी सेक्रेटरी बनाते थे। दूसरे लोग भी बनाते थे। ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन उन लोगों ने आरक्षण के संबंध में कोई बात नहीं की।