Edited By Nitika, Updated: 06 Dec, 2023 08:04 AM

बिहार में सांसदों एवं विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित पटना की एक विशेष अदालत ने मानहानि के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को आज एक वर्ष की कैद के साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
पटनाः बिहार में सांसदों एवं विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित पटना की एक विशेष अदालत ने मानहानि के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को आज एक वर्ष की कैद के साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया ने मामले में सुनवाई के बाद तिवारी को भारतीय दंड विधान की धारा 500 के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर तिवारी को तीन महीने के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। निर्णय सुनाए जाने के बाद तिवारी के वकील सुधीर कुमार सिन्हा ने एक आवेदन देकर अपील दाखिल करने के लिए जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की। प्रार्थना स्वीकार करते हुए अदालत ने अपील दाखिल करने के लिए तिवारी को जमानत पर मुक्त कर दिया। मामला वर्ष 2018 का था। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भारतीय दंड विधान की धारा 499 और 500 के तहत एक शिकायती मुकदमा संख्या 3959 सी 2018 जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा की ओर से दाखिल किया गया था।
शिकायत पत्र के अनुसार, शिकायतकर्ता झा ने तिवारी के 07 अगस्त 2018 को एक संवाददाता सम्मेलन में दिए गए उस कथित बयान को मानहानि वाला बताया था, जिसमें कथित रूप से तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झा के रिश्ते के संबंध में आपत्तिजनक बात कही थी एवं कहा था कि नीतीश कुमार अतिथि गृह में न रुककर संजय झा के घर पर क्यों रुकते हैं। अभियोजन की ओर से आरोप साबित करने के लिए झा समेत सात गवाहों का बयान अदालत में कलमबंद करवाया गया था जबकि तिवारी की ओर से बचाव में एक गवाह पेश किया गया था।