महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए बिहार में 28,594 बिस्तर तैयारः स्वास्थ्य मंत्री

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Jul, 2021 10:19 AM

statement of mangal pandey

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश स्वास्थ्य विभाग के 3673 करोड़ 99 लाख 40 हजार रुपए के प्रथम अनुपूरक बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए पांडेय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में...

पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के प्रकोप से निपटने के लिए राज्य भर में कुल 28,594 बिस्तर तैयार हैं।

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश स्वास्थ्य विभाग के 3673 करोड़ 99 लाख 40 हजार रुपए के प्रथम अनुपूरक बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए पांडेय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार 1600 स्वास्थ्य केंद्र जिसमें 40 शिशु आईसीयू भी शामिल हैं, अगले 15 महीनों में स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि इस महामारी की तीसरी लहर के संभावित प्रकोप से निपटने के लिए राज्य भर में कुल 28,594 बिस्तर तैयार हैं। पांडेय ने कहा कि राज्य के अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 122 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं, ये ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र 15 अगस्त से काम करना शुरू कर देंगे।

इस बीच, विपक्षी दल के विधायकों ने गुरुवार को बिहार में कोविड-19 से हुई मौतों की दोबारा गिनती की मांग को लेकर हंगामा किया और सदन से बर्हिगमन किया। बिहार में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में नौ जून को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भारी संशोधन किया था और इस महामारी से मरने वालों की कुल संख्या आठ जून को जहां 5,458 थी, वह नौ जून को अचानक बढ़कर 9429 हो गई थी। बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा नौ जून को जारी आंकड़े में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की 5,478 की संख्या के अलावा सत्यापन के बाद अतिरिक्त 3951 अन्य लोगों की मौत के आंकड़े जोडे गए थे। विभाग द्वारा जारी आंकड़े में हालांकि यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि ये अतिरिक्त मौतें कब हुईं लेकिन प्रदेश के सभी 38 जिलों का एक ब्योरा वर्णित किया गया था।

उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने पुनरीक्षण की कवायद शुरू की थी। राज्य के मुख्य सचिव और पटना प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा 17 मई को दायर हलफनामे में बक्सर जिले में मौत के आंकड़ों में असंगति पाई गई थी। हालांकि, मंत्री ने कोविड-19 से हुई मौत के आंकड़ों की फिर से गणना किए जाने की विपक्ष की मांग का जवाब नहीं दिया। इससे पहले दिन में गुरुवार को जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई भाकपा माले के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तख्तियां लेकर सदन के वेल में आ गए। वे कोरोना महामार से मरने वालों की संख्या की फिर से गणना की मांग कर रहे थे।

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