Edited By Nitika, Updated: 22 May, 2023 08:39 AM

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अडाणी समूह को उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सभी बिंदुओं पर क्लीनचिट मिलने के बाद इस मद्दे को लेकर संसद ठप करने और...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अडाणी समूह को उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सभी बिंदुओं पर क्लीनचिट मिलने के बाद इस मद्दे को लेकर संसद ठप करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अनर्गल आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

सुशील मोदी ने जारी बयान में कहा कि देश में आर्थिक हड़कम्प मचाने की नीयत से जारी हिडेनबर्ग की रिपोर्ट पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाले पूरे विपक्ष का पानी उतर गया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शेयर बाजार पर नजर रखने वाली संस्था सेबी की भूमिका में भी कोई गड़बड़ी नहीं पाई। वहीं भाजपा सांसद ने कहा कि सदन में जो लोग 20 से 80 हजार करोड़ रुपए तक के शेयर घोटाले का आरोप लगा रहे थे, उनकी बोलती बंद हो गई, लेकिन थेथरोलॉजी पर कोई रोक नहीं लग सकती। उन्होंने कहा कि इससे पहले राफेल विमान सौदे में घोटाले के मनगढ़ंत आरोप लगाने और 'चौकीदार चोर' कहने के कारण राहुल गांधी को उच्चतम न्यायालय में खड़े होकर माफी मांगनी पड़ी थी।

मोदी ने कहा कि एक तरफ जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह अडाणी से द्वेष-वश अनर्गल आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ उनके मुख्यमंत्री अडाणी को बिहार के वारसलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 70 एकड़ जमीन देते हैं। यह दोहरापन कैसी राजनीति है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन में शामिल दल यदि अडाणी समूह पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हैं, तो बिहार में उन्हें दी गई जमीन का आवंटन रद्द करवाएं।