RJD के दो विधायक दे सकते हैं नीतीश सरकार को समर्थन, जानिए कौन हैं वे दो विधायक जो बदल सकते हैं पाला

Edited By Ramanjot, Updated: 11 Feb, 2024 03:43 PM

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पटना के सियासी गलियारों में चर्चा है कि चेतन आनंद बगावत कर एनडीए का समर्थन कर सकते हैं। दरअसल,  राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आनंद मोहन सिंह को मिलने के लिए समय नहीं दिया था। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं। हो...

पटनाः बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) गठबंधन का बहुमत परीक्षण होना है। बहुमत परीक्षण से पहले हर पक्ष 'खेला' करने का दावा कर रहा है। दोनों पक्ष दावा कर रहे हैं कि वे एक दूसरे के खेमे में सेंध लगा देंगे लेकिन लग रहा है कि आरजेडी के खेमे में ही एनडीए सेंध लगा देगी। एनडीए के पास एक सौ 28 विधायकों का समर्थन है लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उससे ये पता चलता है कि आरजेडी के दो विधायक खेल कर सकते हैं। ऐसे में विपक्षी विधायकों की संख्या 114 की जगह 112 हो जाएगी। वहीं आत्मविश्वास से लबरेज दिख रहे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इंडिया गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है। 

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पटना के सियासी गलियारों में चर्चा है कि चेतन आनंद बगावत कर एनडीए का समर्थन कर सकते हैं। दरअसल,  राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आनंद मोहन सिंह को मिलने के लिए समय नहीं दिया था। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं। हो सकता है कि चेतन आनंद फ्लोर टेस्ट में एनडीए का समर्थन कर दें क्योंकि नीतीश कुमार, आनंद मोहन के घर शादी में वर-वधू को आशीर्वाद देने भी पहुंचे थे। वहीं नीतीश सरकार ने ही आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालने में मदद की थी। ऐसे में चेतन आनंद फ्लोर टेस्ट के दौरान एनडीए का समर्थन कर सकते हैं। 

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वहीं आरजेडी विधायक चेतन आनंद के विपक्ष की जगह सत्ता की तरफ झुकाव की वजह के कुछ और कारण भी हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन की रिहाई की वैधानिकता पर केंद्र सरकार से हलफनामा पेश करने के लिए कहा था। इस हलफनामा की एक लाइन क्या कर सकती है, यह अंदाजा लगाना मुश्किल भी नहीं है। इस बारे में चेतन आनंद या आनंद मोहन कुछ कहने को अभी तैयार नहीं हैं लेकिन 12 फरवरी को जरूरत पड़ी तो वे बहुत कुछ कर सकते हैं। वहीं बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी भी पाला बदल सकती हैं। जब बिहार में नई सरकार बनी तो अनंत सिंह के समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की थी। इससे ये संकेत मिलता है कि नीलम देवी एनडीए सरकार का समर्थन कर सकती हैं। अनंत सिंह और ललन सिंह में अदावत का रिश्ता रहा है। 

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कहा जाता है कि जदयू में ललन सिंह का ताकतवर होना भी अनंत सिंह के नीतीश कुमार से दूर होने का कारण रहा था। ऐसे में जब ललन अब राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रहे तो अनंत सिंह सहज हो गए हैं। इसलिए संभव है कि मोकामा विधायक नीलम देवी फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदल लें। बताया जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले नीलम देवी लालू-तेजस्वी से दूरी बना चुकी हैं। एनडीए पूरी ताकत झोंक कर आरजेडी के विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। अगर आरजेडी के दो विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदल लेंगे तो तेजस्वी के नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़ा हो जाएगा।

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