विजय सिन्हा ने ललन सिंह के बयान को बताया बेशर्मी की हद, कहा- लालू पर हो रही है कार्रवाई पर आपको बेचैनी क्यों?

Edited By Khushi, Updated: 13 Mar, 2023 03:14 PM

vijay sinha termed lalan singh s statement as the limit of shamelessness

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से राज्य की राजनीति गरमा गई है।

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से राज्य की राजनीति गरमा गई है। पक्ष- विपक्ष के नेता एक- दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। वहीं, बीजेपी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने ललन सिंह पर निशाना साधा है।

"JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, यह तो बेशर्मी की हद है"
विजय सिन्हा ने ललन सिंह के बयान को बेशर्मी की हद बताया है। विजय सिन्हा ने ट्वीट किया है- जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, यह तो बेशर्मी की हद है, आपने ही 2008 में अपने नेता (अब स्व.) शरद यादव जी के साथ लालू प्रसाद के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा तत्कालीन पीएम के साथ जांच एजेंसियों को सौंपी थी। अब कार्रवाई हो रही है तो आपको बेचैनी क्यों हो रही हैं? विजय सिन्हा ने ललन सिंह से सवाल किया है कि लालू परिवार के यहां छापेमारी में 600 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा, ईडी की तलाशी में 1 करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित दूसरी विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की ईंट, डेढ़ किलोग्राम से ज्यादा सोने के आभूषण कौन सी सदाचार की कमाई है?

"आप लालू-तेजस्वी की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं"
विजय सिन्हा ने एक और ट्वीट किया और ललन सिंह के बयानबाजी को पलटी मार राजनीति का सबसे घटिया नमूना बताया। विजय सिन्हा ने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष घड़ियाली आंसू बहा कर लालू परिवार को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं। पहले आरोप लगाया, जांच एजेंसियों को सबूत दिया और अब रुई से छाती पीट कर लालू-तेजस्वी की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम? 
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है। ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन घोटाला मामले में हो रही जांच के सिलसिले में बीते शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव के परिवार, रिश्तेदार और राजद नेताओं के परिसरों पर बिहार सहित कई शहरों में छापेमारी की थी। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान 53 लाख रुपये कैश, 1,900 अमेरिकी डॉलर, लगभग 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए। छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद रहे।

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