Edited By Khushi, Updated: 08 Sep, 2024 02:38 PM
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय के खिलाफ रांची पुलिस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। IPC की धारा 403, 406, 408, 409 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय के खिलाफ रांची पुलिस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। IPC की धारा 403, 406, 408, 409 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
पुलिस ने पूर्व खाद्य और सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री सरयू राय, उनके तत्कालीन निजी सचिव आनंद और तीन अन्य के खिलाफ उनके मंत्री रहने के दौरान आहार पत्रिका के प्रकाशन में कथित भ्रष्टाचार के लिए FIR दर्ज की है। दरअसल, सरयू राय पर 3 करोड़ 38 लाख से अधिक राशि की हेराफेरी का आरोप है। रांची निवासी मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि सरयू राय 3,38,26,473 रुपये की अनियमितताओं में शामिल हैं। उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। रांची के अरगोड़ा थाने में ये केस दर्ज कराया गया है। आवेदन में मनोज सिंह ने कहा है कि सरयू राय के द्वारा अपने पद और व्यक्तिगत प्रभाव का दुरुपयोग कर आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के नाम पर वित्तीय गड़बड़ी की गयी। आवेदन में अवैध तरीके से 3,38,26,473 रूपये का अनुचित लाभ प्राप्त करने, कराने और सार्वजनिक कर्तव्यों का अनुचित रूप से निर्वहन का आरोप लगाया गया है। सिंह ने लिखित रूप से विधायक सरयू राय पर आरोप लगाया है कि झारखंड सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की 'आहार' पत्रिका के प्रकाशन एवं मुद्रण के नाम पर घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विभागीय मंत्री (खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग) सरयू राय ने आम जनता में अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के नाम पर प्रत्येक माह खाद्य बुलेटिन 'आहार' के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण का अनावश्यक कार्य शुरू किया।
मनोज सिंह ने कहा कि अपने नजदीकी एवं चहेतों को आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के नाम पर लाभ पहुंचाया गया। इस दौरान लगभग 3,38,26,473 रुपये की वित्तीय अनिमितता की गयी। विभिन्न मदों में अक्टूबर 2017 से मार्च 2019 तक की अवधि के लिए भुगतान किया गया। आरोप है कि पत्रिका का तय मात्रा से काफी कम कथित मुद्रण, प्रकाशन एवं वितरण किया गया। इसमें अनियमितता बरती गयी और राशि का अधिकांश हिस्सा उन्हीं के नज़दीकी लोगों को मिला। मुद्रण, प्रकाशन और वितरण का काम बिना किसी टेंडर या नीलामी या बोली के दे दिया गया। साथ ही मामले को दबाने की कोशिश की गयी। इसके लिए अपने अनुकूल अफसरों की नियुक्ति करायी गयी। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर अनुकूल अफसर को नियुक्त करा कर मामले को रफा दफा करवाने का प्रयास किया गया। प्राथमिकी के संबंध में प्रेस की ओर से विधायक सरयू राय का पक्ष लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बता दें कि झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी सीट के निर्दलीय विधायक सरयू राय अभी हाल ही में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हुए थे। पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इससे पहले सरयू राय भारतीय जन मोर्चा नामक एक पार्टी चला रहे थे।