Edited By Ramanjot, Updated: 01 Dec, 2024 11:34 AM
बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने शनिवार को कहा कि डाक टिकटों का संग्रहण केवल शौक नहीं बल्कि यह इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह है। डॉ. जायसवाल ने शनिवार को ज्ञान भवन...
बिहार डेस्क: बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने शनिवार को कहा कि डाक टिकटों का संग्रहण केवल शौक नहीं बल्कि यह इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह है।
'डाक टिकटों का संग्रहण केवल शौक नहीं बल्कि यह इतिहास...'
डॉ. जायसवाल ने शनिवार को ज्ञान भवन में डाक विभाग द्वारा आयोजित डाक टिकट प्रदर्शनी बीपेक्स-2024 में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘डाक टिकटों का संग्रहण केवल शौक नहीं बल्कि यह इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल डाक टिकटों के संग्रह की कला को प्रोत्साहित करना है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक घटनाओं, और समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। प्रत्येक डाक टिकट अपने आप में एक कहानी समेटे हुए है, जो हमें अतीत से जोड़ती है और वर्तमान के साथ जोड़ने का कार्य करती है।''
'जब हम एक डाक टिकट को देखते हैं तो...'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जब हम एक डाक टिकट को देखते हैं तो हम न केवल उस पर छपी छवि या चित्र को देखते हैं बल्कि हम उस डाक टिकट के माध्यम से उस समय के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश को भी समझ सकते हैं। जैसा कि मुझे ज्ञात है कि पिछले दो दिनों के आयोजन में स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, बिहार के शक्तिपीठ, मंडन मिश्र शंकराचार्य शास्त्रार्थ, वेद और उपनिषद, मौर्यकालीन कला एवं सिक्कों पर विशेष आवरण जारी करके डाक टिकटों के माध्यम से आपने जो बिहार से जुड़ी कला संस्कृति और पहचान को साझा करने का कार्य किया है वह सराहनीय है।''
'इस प्रदर्शनी में हम न केवल पुराने और दुर्लभ डाक टिकटों को देख रहे'
डॉ. जायसवाल ने देश के स्वतंत्रता सेनानी रामनाथ रस्तोगी व्याकुल से संबंधित डाक टिकट का विमोचन करने के लिए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बीपेक्स 2024 प्रदर्शनी में प्रदर्शित डाक टिकटों का संग्रह इस बात का प्रमाण है कि फिलेटली एक बहुमूल्य धरोहर है, जो किसी भी देश की पहचान, उसकी समृद्धि और उसकी ऐतिहासिक धरोहर को प्रकट करता है। इस प्रदर्शनी में हम न केवल पुराने और दुर्लभ डाक टिकटों को देख रहे हैं बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत भी है, जो हमें आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए इस कला रूप को संरक्षित करने की प्रेरणा देती है।