Edited By Harman, Updated: 12 Dec, 2024 02:28 PM
आज यानी गुरुवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार काम कर रही है। राज्य में अगर परिवर्तन दिखा है, तो वह 2019 के बाद दिखा है। विपक्ष के साथी सरकार के विकास कार्यों में सहयोग करें। सोरेन कहा कि झारखंड देश का...
रांची: आज यानी गुरुवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार काम कर रही है। राज्य में अगर परिवर्तन दिखा है, तो वह 2019 के बाद दिखा है। विपक्ष के साथी सरकार के विकास कार्यों में सहयोग करें।
"आंदोलन की उपज है झारखंड"
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। देश के आजाद होने के बाद दुनिया के सबसे बड़े उद्योग इसी राज्य से मिले। चाहे वो HEC हो या फिर बोकारो स्टील प्लांट। यह समझ से परे है कि इस राज्य के ऊपर कौन-सा अभिशाप लगा है कि यहां के लोग भूमिहीन और विस्थापित होने लगे। यहां सदियों से पलायन की स्थिति बनी रही। इसी पीड़ा को लेकर शिबू सोरेन, निर्मल महतो जैसे अनगिनत आंदोलनकारियों ने झारखंड को अलग राज्य बनाया। वहीं, सामंती विचार के लोगों ने हमारे अग्रणी नेताओं का मजाक उड़ाया।
"झारखंड के गरीबों को उनका अधिकार नहीं मिला"
सीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग बराबर ये कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने झारखंड के अलग राज्य बनने पर मुहर लगाई। लेकिन यहां के गरीब और पिछड़े लोगों को उनका अधिकार नहीं मिलता है। इस राज्य की लड़ाई वर्षों चली। इस पीड़ा को हमलोगों से अधिक कोई नहीं समझ सकता है। साल 2000 से 2019 तक इस राज्य को क्या मिला। इस राज्य को ऐसे दलदल में धकेलने का प्रयास किया गया, जिससे उभरने के लिए वर्षों लग जाएंगे।
"राज्य अलग होने के बाद किसी वर्ग के चेहरे पर खुशी नहीं थी"
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे कहा हमलोगों को सत्ता से बेदखल करने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए। राज्य अलग होने के बाद किसी वर्ग के चेहरे पर खुशी नहीं थी। जनता, कर्मचारी सभी के चेहरे डरे-सहमे होते थे। हमारी सरकार बनने के बाद लोग ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत करने आए। आज दोबारा सरकार को इस मुकाम में पहुंचाने का अहम भूमिका है। यह राज्य आंदोलन की उपज है। यह राज्य खून से सिंचा राज्य है। यहां के लोग बहुत स्वाभिमानी हैं। इस राज्य के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने में हमारी सरकार कटिबद्ध है।