Edited By Swati Sharma, Updated: 06 Sep, 2024 06:08 PM
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आई०जी०आई०एम०एस०) परिसर में 188 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर...
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आई०जी०आई०एम०एस०) परिसर में 188 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रथम तल पर जाकर ओपीडी, वार्ड एरिया, ऑपरेशन थियेटर रूम, जेनरल वार्ड आदि का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
'1984 में हुई थी आईजीआईएमएस की स्थापना'
मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने आईजीआईएमएस परिसर में आयोजित कार्यक्रम में रिमोट के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 850 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न परियोजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में आज क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का उद्घाटन हुआ है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा जी पधारे हैं, उनका मैं अभिनंदन और स्वागत करता हूं। आईजीआईएमएस की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। शुरू में इस संस्थान में ठीक ढंग से काम हुआ लेकिन कुछ वर्षों के बाद यहां की व्यवस्था खराब होने लगी। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद हम लोगों ने इस संस्थान के सुधार पर पूरा ध्यान दिया। लोगों के इलाज की आधुनिक व्यवस्था कराई गई, बड़ी संख्या में डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई, आई बैंक एवं आधुनिक किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की गई, हार्ट के मरीजों के लिए कार्डियक सेंटर बनाए गए, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई। बाल हृदय योजना के तहत हृदय में छेद से पीड़ित बच्चों का निशुल्क इलाज राज्य सरकार द्वारा अपने खर्च पर अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में भेजकर कराया गया।
'अब यहां पर मुफ्त दवा एवं जांच की व्यवस्था की गई'
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन बच्चों का इलाज पटना के आईजीआईएमएस तथा आईजीआईसी (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी) में शुरू हो गया है। मुझे खुशी हो रही है कि इस कड़ी में आज आईजीआईएमएस के परिसर में आंखों के क्षेत्रीय संस्थान का उद्घाटन किया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों में भवनों तथा सुविधाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जा रहा है, जिसमें हाल ही में बनाए गए हेल्थ यूनिवर्सिटी का भवन भी शामिल है। इन सभी की लागत 850 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीआईएमएस में पहले दवाई एवं जांच के लिए कुछ राशि देनी पड़ती थी लेकिन अब यहां पर मुफ्त दवा एवं जांच की व्यवस्था की गई है। बेहतर सुविधाओं के चलते अब यहां पर अच्छी खासी संख्या में अपना इलाज करवाने आ रहे हैं जिसके कारण यहां पर काफी भीड़ रहती है।
"यहां पर बेड की संख्या तीन हजार से ज्यादा हो जाएगी"
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले आईजीआईएमएस में बेड की संख्या 770 थी, फिर हमने इसके अतिरिक्त यहां पर 2 हजार 500 बेड और बढ़ाने का निर्णय लिया। इस पर तेजी से काम कराया जा रहा है, जिससे अब बेड की संख्या 1 हजार 370 हो गई है। काम लगातार जारी है, 500 बेड पर काम इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जायेगा तथा 1200 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण अगले वर्ष तक पूरा कर दिया जायेगा। इस प्रकार यहां पर बेड की संख्या तीन हजार से ज्यादा हो जायेगी।
"हमलोग शुरू से ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में लगे हुए"
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग शुरू से ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में लगे हुए हैं। जब वर्ष 2005 में हम लोग सरकार में आए तो उस समय स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खराब थी, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी थी। अस्पतालों में दवा एवं अन्य सुविधाएं भी नहीं थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तो इलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन 1 या 2 मरीज आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा देने की शुरुआत की गयी जिसे शुभारंभ के लिए तत्कालीन उप-राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत जी पटना आये थे। साथ ही डॉक्टरों की बहाली की गयी और अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करवाई गयी और मुफ्त स्वास्थ्य जांच एवं एम्बुलेंस की सुविधा दी गई। अब सुविधाएँ काफी अच्छी हो गयी है जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हर महीने औसतन 11 हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रकाशित बुकलेट तथा हिंदी में प्रकाशित मेडिकल से संबंधित विभिन्न पुस्तकों का मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित मंच पर उपस्थित अन्य अतिथियों ने लोकार्पण किया। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से चिकित्सा महाविद्यालय ऑनलाइन शिक्षा का शुभारंभ किया।