Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jul, 2024 09:05 AM

उच्च न्यायालय ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दे दी थी और उन्होंने चार जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ईडी द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किए जाने से कुछ देर पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने...
नई दिल्ली/रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा झामुमो नेता हेमंत सोरेन को दी गई जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। निदेशालय ने अपनी एसएलपी अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश गैर-कानूनी है। इसके साथ ही जमानत आदेश में हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर भी ईडी ने आपत्ति जाहिर की है।
28 जून को हेमंत सोरेन को मिली थी जमानत
उच्च न्यायालय ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दे दी थी और उन्होंने चार जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ईडी द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किए जाने से कुछ देर पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि यदि सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।
उच्च न्यायालय ने जमानत आदेश में कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने उनके आचरण को रेखांकित किया है लेकिन मामले के समग्र परिप्रेक्ष्य में, याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।''