Edited By Nitika, Updated: 31 Jul, 2023 01:05 PM
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिसात बिछने लगी है. मोदी विरोधी दल एकजुट हो रहे हैं तो एनडीए का भी दायरा बढ़ रहा है। बिहार एनडीए में अब उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की वापसी हो चुकी है, हालांकि सीटों को लेकर चिराग और उनके चाचा केंद्रीय...
Bihar News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिसात बिछने लगी है. मोदी विरोधी दल एकजुट हो रहे हैं तो एनडीए का भी दायरा बढ़ रहा है। बिहार एनडीए में अब उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की वापसी हो चुकी है, हालांकि सीटों को लेकर चिराग और उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच हाजीपुर सीट को लेकर तनातनी अभी तक जारी है। एनडीए में इस तरह की खींचतान से बीजेपी को नुकसान हो सकता है। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने 22 जुलाई को हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोकते हुए कहा था कि वह अगला लोकसभा चुनाव अपने दिवंगत भाई राम विलास पासवान के संसदीय क्षेत्र से लड़ेंगे। वहीं हाल ही हाजीपुर में चिराग पासवान ने लोगों से अपील करते हुए ये कहा था कि जिस प्रकार से आप लोगों ने हमारे पिता रामविलास पासवान को आशीर्वाद दिया था। उसी आशीर्वाद की उम्मीद मैं भी करता हूं। दोनों का यह बयान यह दर्शाता है कि दोनों की ही नजर हाजीपुर सीट पर है।
18 तारीख को दिल्ली में हुई NDA की बैठक में भी वो शामिल हुए। इस बैठक के पहले भी और बाद में चिराग ने कहा कि बैठक सार्थक हुई और हम जिस एजेंडे के साथ शामिल हुए हैं। उस दिशा में सार्थक बातचीत हुई है यानी उनका कहना साफ था कि जिस फॉर्मूले के साथ वो पहले NDA में थे उसी फॉर्मूले के साथ आज भी हैं। बताया जा रहा है कि 6 लोकसभा और एक राज्यसभा सीट के साथ ही वो NDA में शामिल हुए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि हाजीपुर सीट भी उनके ही खाते में आएगी। खुद चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में और कई जगहों पर बार-बार साफ कर दिया है कि हाजीपुर सीट से लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री पारस ने दावा किया कि जब मेरे भाई ने मुझे बताया कि वह चाहते हैं कि मैं हाजीपुर से लड़ूं.. उन्होंने कहा कि मैंने अपने भाई के झंडे को लहराते हुए दशकों तक अलौली सीट का पालन-पोषण किया। यही कारण था कि वह चाहते थे कि मेरे अलावा कोई भी हाजीपुर से चुनाव न लड़ें. इसके अलावा मेरे भाई को इस बात का ध्यान था कि चिराग पहले से ही जमुई से सांसद हैं और उन्हें उस सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहीं हाजीपुर सीट को लेकर चिराग का कहना है कि हाजीपुर उनके पिता की सीट है। वो किसी हाल में उसे नहीं छोड़ेंगे। चिराग ने कहा कि हाजीपुर पर दावा करने के लिए मेरे पास अपनी वजह है। वह सीट मेरे पिता रामविलास की पर्याय है और हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है।
चिराग से गले मिलने वाली तस्वीर पर उन्हें यह अहसास हुआ कि मौके की मजबूरियां थीं, जिसके चलते उन्हें भतीजा को गले लगाना पड़ा। इससे बड़ी गलतफहमी पैदा हो गई। कहा कि चिराग ने मेरे पांव छुए तो बड़े होने के नाते मैंने उन्हें गले लगाया, वो रिश्ता अलग है। राजनीति का रिश्ता अलग है। पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान अपनी जगह हैं। मैं अपनी जगह हूं लेकिन हाजीपुर से मैं चुनाव लडूंगा। इससे मुझे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। बहरहाल अब देखना यह होगा की क्या चाचा-भतीजे की यह तनातनी खत्म होगी या दोनों अपनी जिद पर अड़े रहेंगे, जो कि बीजेपी के लिए भी काफी चिंता का विषय है।