Edited By Ramanjot, Updated: 20 Aug, 2024 11:15 AM
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पटना स्थित विशेष अदालत के प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी कुमार रितेश की अदालत में आज धनबाद निवासी अमित कुमार सिंह को सीबीआई ने आठ दिनों की पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया और आगे पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाए...
पटना: बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2024 के प्रश्न पत्र लीक मामले के एक अभियुक्त की पुलिस रिमांड अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी वहीं एक अभियुक्त को हिरासती पूछताछ के बाद वापस जेल भेज दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पटना स्थित विशेष अदालत के प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी कुमार रितेश की अदालत में आज धनबाद निवासी अमित कुमार सिंह को सीबीआई ने आठ दिनों की पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया और आगे पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने की प्रार्थना की। प्रार्थना स्वीकार करते हुए अदालत ने इस अभियुक्त की पुलिस रिमांड की अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी। दूसरी ओर चेन्नई मेडिकल कॉलेज के छात्र अमित कुमार को हिरासती पूछताछ के बाद सीबीआई ने विशेष अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से उसे वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इस बीच पटना के सुलतानगंज थाना क्षेत्र स्थित महेंद्रू मुहल्ला के गुलबीघाट निवासी संजय कुमार ने आज न्यायालय में आत्मसमर्पण याचिका दाखिल कर न्यायिक हिरासत में लिए जाने की प्रार्थना की। आवेदन में यह कहा गया कि सीबीआई ने उसके घर की तलाशी ली है और उस पर आत्मसमर्पण करने का दबाव बना रही है । जवाब में सीबीआई ने कहा कि अभी तक यह व्यक्ति इस मामले में वांछित नहीं है इसलिए उसकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसके बाद संजय कुमार के वकील ने दाखिल की गई याचिका को संचालित नहीं किया। वहीं, आज जेल में बंद 39 अभियुक्तों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालत में पेशी हुई, जिसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी गई।
गौरतलब है कि 05 मई 2024 को पूरे देश में नीट 2024 की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप में पटना के शास्त्री नगर थाना प्रभारी अमर कुमार ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और शास्त्री नगर थाना कांड संख्या 358/2024 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की। बाद में मामला आर्थिक अपराध ईकाई को सौंप दिया गया। उसके बाद प्रश्न पत्र लीक होने का मामला उजागर हुआ और केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई 23 जून 2024 को अपनी प्राथमिकी आरसी 224/2024 के रूप में भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 406, 407, 408 और 409 के तहत दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर रही है। अदालत में यह मामला आरसी 6 ई/2024 के रूप में दर्ज है। इस मामले में अभी तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई इस मामले में 01 जुलाई 2024 को 13 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। अनुसंधान अभी जारी है। वर्तमान में 40 अभियुक्त जेल में बंद हैं, एक अभियुक्त से सीबीआई हिरासती पूछता कर रही है जबकि तीन अभियुक्त जमानत पर मुक्त हो चुके हैं।