आर्म्स लाइसेंस पर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, इस आधार पर नहीं खारिज हो सकता आवेदन

Edited By Harman, Updated: 03 Dec, 2024 03:57 PM

patna high court s big decision on arms license

सोमवार को आर्म्स लाइसेंस पर पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में साफ किया है कि कोई व्यक्ति अगर आर्म्स लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसका आवेदन इस आधार पर केवल खारिज नहीं किया जा सकता है कि आवेदक को जान...

पटना: सोमवार को आर्म्स लाइसेंस पर पटना हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में साफ किया है कि कोई व्यक्ति अगर आर्म्स लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसका आवेदन इस आधार पर केवल खारिज नहीं किया जा सकता है कि आवेदक को जान का खतरा नहीं है। न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने रंजन कुमार मंडल की रिट याचिका को स्वीकृत कर यह फैसला सुनाया है।

जानिए क्या है मामला?
याचिकाकर्ता के वकील रंजीत कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि रंजन एक रिटायर्ड फौजी है और भारतीय सेना की सेवा निवृति के बाद केंद्र सरकार ने उसे एक पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था। परबत्ता थाने के पास हाईवे पर इस पेट्रोल पंप की सुरक्षा के मद्देनजर रंजन ने आर्म्स लाइसेंस के लिए खगड़िया जिला अधिकारी को आवेदन दिया था लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। आवेदन को सिर्फ इस बात पर अस्वीकृत कर दिया गया कि पुलिस रिपोर्ट में बताया गया है कि रंजन को जान का कोई खतरा नहीं है। जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ रंजन ने मुंगेर के आयुक्त के सामने अपील की गई, जिसे 15 सितंबर 2019 को उस पुलिस रिपोर्ट के आधार पर खारिज कर दिया गया।

इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि केवल जान के खतरे को केंद्र में रखते हुए शस्त्र अनुज्ञप्ति के आवेदन को खारिज करना केंद्र सरकार की नई शस्त्र नियमावली 2016 के प्रावधान के खिलाफ है। इस नियमावली में आवेदक के पेशे अथवा व्यापार का मूल्यांकन करना भी जरूरी है, जिसकी सुरक्षा के लिए शस्त्र जरूरी होता है।

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