Edited By Ramanjot, Updated: 04 Feb, 2025 06:17 PM
Bihar News: प्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों से कहा, “इनमें से ज्यादातर पदों के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 2019 में ही विज्ञापन जारी कर दिया था। लेकिन कई अभ्यर्थियों ने पटना...
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने कानूनी विवादों के कारण वर्षों से खाली पड़े विभिन्न विभागों में करीब 7,000 पदों को भरा है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आयोजित एक समारोह में कुल 6,341 कनिष्ठ अभियनताओं (जेई) को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इन अधिकारियों को आठ विभागों में तैनात किया जाएगा।
इसके अलावा, इसी समारोह में श्रम विभाग में तैनात किए जाने वाले 496 अनुदेशकों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। प्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों से कहा, “इनमें से ज्यादातर पदों के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 2019 में ही विज्ञापन जारी कर दिया था। लेकिन कई अभ्यर्थियों ने पटना उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी थी।” भर्ती को चुनौती देने वाले अभ्यर्थियों में पहले से ही संविदा के आधार पर सेवाएं देने वाले और गैर-सरकारी संस्थानों से डिप्लोमा प्राप्त लोग शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, “नोडल विभाग के तौर पर हमने रिक्त सरकारी पदों को भरने के मुख्यमंत्री के संकल्प के रास्ते में आने वाली बाधाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री की सलाह पर गतिरोध को हल करने के लिए एक प्रस्ताव शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसने भर्ती प्रक्रिया को अपनी मंजूरी दे दी।” उन्होंने दावा किया, “2005 से जब हमारे नेता ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है, विकास सरकार का एकमात्र एजेंडा रहा है। विपक्ष को एहसास हो गया है कि विकास को स्वीकार न करना एक राजनीतिक भूल होगी और विपक्षी नेता अब इसका श्रेय लेने में व्यस्त हैं।” जदयू नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बुधवार को होने वाली पटना यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा, “वह अक्सर अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं। जाति जनगणना को नीतीश कुमार के दिमाग की उपज मानने से उनके इनकार किये जाने में बेईमानी की बू आती है।”