CM नीतीश ने बिहार जलवायु सम्मेलन एवं प्रदर्शनी सहित कई योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

Edited By Ramanjot, Updated: 04 Mar, 2024 02:18 PM

cm nitish inaugurated many schemes including bihar climate conference

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार जलवायु प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और विस्तृत जानकारी ली। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर, पटना का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। साथ ही...

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में बिहार जलवायु सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य विशेषज्ञों, हितधारकों एवं नीति निर्माताओं को एक साथ लाना एवं बिहार राज्य के लिए जलवायु रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है। साथ ही जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों एवं इससे बचने के उपायों के बारे में विचार-विमर्श करना है। 

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आने वाले वर्षों में राज्य को जलवायु अनुकूल एवं कार्बन न्यूट्रल बनाने की पहल की गई है, इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए बिहार जलवायु सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार जलवायु प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और विस्तृत जानकारी ली। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर, पटना का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। साथ ही मुंगेर वानिकी महाविद्यालय का बिहार वानिकी महाविद्यालय एवं शोध संस्थान' के रूप में उन्नयन एवं नामकरण किया। मुख्यमंत्री ने 108 करोड़ 33 लाख रुपए लागत की पार्क, ईको टूरिज्म, भू-जल संरक्षण एवं आधारभूत संरचना विकास की 26 योजनाओं का उ‌द्घाटन एवं शिलान्यास भी किया।

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कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा पूर्णिया और भागलपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का उ‌द्घाटन तथा 'बिहार की जलवायु अनुकूल एवं न्यून कार्बन प्रारूप रणनीति का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को वायु की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए डैशबोर्ड का भी शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान जलवायु कार्य हेतु बिहार घोषणा पत्र जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि बिहार एक आपदा प्रवण राज्य है और जलवायु परिवर्तन के कारण विगत कुछ दशकों से बाढ़, सुखाड़, आकाशीय विद्युत जैसी आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में बढ़ोतरी हुई है। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन शमन एवं अनुकूलन की दिशा में अनेक कदम उठाये गये हैं जिनमें 'जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं जलवायु अनुकूल कृषि कार्य प्रमुख हैं। बिहार, देश का पहला राज्य है जहां जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान के अंतर्गत 19 जनवरी, 2020 को राज्य में 18 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनी जिसमें 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण और नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। पर्यावरण संरक्षण के समर्थन में बनी यह ऐतिहासिक मानव श्रृंखला विश्व में किसी भी मुद्दे पर बनी, अब तक की सबसे लंबी मानव श्रृंखला है। इसके माध्यम से बिहार की जनता ने न सिर्फ देश को बल्कि पूरे विश्व को पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संदेश दिया है।

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माइक्रोसॉफ्ट कंपनी, अमेरिका के संस्थापक बिल गेट्स द्वारा जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान की सराहना की गई है। बिल गेट्स ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन जैसे विषय तो दुनिया के पश्चिमी देशों के स्तर पर चर्चा का विषय है, परन्तु बिहार में जलवायु परिवर्तन के लिए इस प्रकार का जागरूकता अभियान सराहनीय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 24 सितम्बर, 2020 को संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्री एवं प्रमुख नेताओं के समक्ष अपनी बात रखने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन हरियाली अभियान को दुनिया के लिए बेहतरीन उदाहरण बताया था।


 

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