Edited By Nitika, Updated: 22 Mar, 2023 01:55 PM
बिहार विधानमंडल के भीतर अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बार फिर से आक्रोश देखने को मिला है।
पटनाः बिहार विधानमंडल के भीतर अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बार फिर से आक्रोश देखने को मिला है। विपक्षी भाजपा के नेताओं ने उनके व्यवहार की आलोचना की है। इससे पहले सोमवार को विधान परिषद में नीतीश कुमार उस वक्त नाराज हो गए थे, जब उन्होंने सदन में लगे डिस्प्ले बोर्ड पर अंग्रेजी में लिखी हुई चीजें देखी थी।
मुख्यमंत्री नाराजगी संबंधी एक वीडियो में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से यह कहते देखे और सुने जा सकते हैं कि ‘‘मैं ‘ऑनरेबल' और ‘स्पीकिंग टाईम' जैसे शब्द सुन रहा हूं। इसका कोई मतलब नहीं है। हिंदी को एकदम खत्म ही कर दीजिएगा क्या।'' मुख्यमंत्री और सभापति के बीच बातचीत का यह वीडियो एक मिनट से भी कम समय का है। वीडियो में सभापति इस आश्वासन के साथ उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें संशोधन किया जाएगा। इस पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने के बाद चीजों को नियंत्रण में रखने में असमर्थता से मुख्यमंत्री काफी दबाव में हैं और निराश हैं।''
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का व्यवहार ‘‘कपड़े के एक लाल टुकड़े पर एक बैल के आपा खो देने जैसा था, और मनोवैज्ञानिक बीमारी को निरूपित कर रहा था।'' भाजपा के एक अन्य नेता हरिभूषण ठाकुर बचोल ने मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का एक स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाए ताकि लोगों को यह आश्वासन दिया जा सके कि राज्य सुरक्षित हाथों में है। राजद विधायक और मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने बचोल पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का इलाज मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा कर दिया जाएगा।