Anand Mohan की रिहाई के खिलाफ उतरे दलित नेता जनक राम, बोले- ऐसी कार्रवाई से अपराधियों को मिलेगा बढ़ावा

Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Apr, 2023 06:01 PM

dalit leader janak ram came out against the release of anand mohan

दरअसल, आनंद मोहन समेत कुल 27 लोगों को रिहा किया जा रहा है, जिसको लेकर जनक राम ने कहा कि जिस तरह से सभी अपराधियों को जेल में बंद कर सुशासन स्थापित करने की कोशिश की गई थी। सीएम नीतीश ने उसे और संविधान को भी धत्ता बताया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा...

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में गोपालगंज जिले के पूर्व सांसद और बीजेपी एमएलसी जनक राम ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई से अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा। नीतीश कुमार ने फिर से लोगों को दहशत में जीने को मजबूर कर दिया है।

"सरकार के फैसले से दलित पिछड़े समाज के लोग सहमे हुए"
दरअसल, आनंद मोहन समेत कुल 27 लोगों को रिहा किया जा रहा है, जिसको लेकर जनक राम ने कहा कि जिस तरह से सभी अपराधियों को जेल में बंद कर सुशासन स्थापित करने की कोशिश की गई थी। सीएम नीतीश ने उसे और संविधान को भी धत्ता बताया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता के धौंस में कानून में बदलाव करके जिस तरह से 90 के दहशत में लोग दहशत में जी रहे थे। उसी तरह से नीतीश कुमार ने फिर से लोगों को दहशत में जीने को मजबूर कर दिया है। जनक राम ने कहा कि कृष्णय्या जैसे प्रशासनिक अधिकारी के हत्या मामले में दोषी आनंद मोहन को छोड़कर राज्य सरकार क्या संदेश देना चाहती है? सरकार के फैसले से दलित पिछड़े समाज के लोग एक बार फिर सहमे हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने सजा दिया और सरकार संशोधन कर इन लोगों को छोड़ रही है। सरकार की नैतिकता नहीं रही।

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में सियासत तेज
बता दें कि  पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है। कई नेता से लेकर अधिकारी तक नीतीश सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब हो कि आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने 10 अप्रैल को मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम में संशोधन कर पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया था। संशोधन के बाद अब सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा बल्कि यह साधारण हत्या मानी जाएगी। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा हुई थी। 

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