Edited By Ramanjot, Updated: 04 Feb, 2021 10:53 AM
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही की तर्ज पर बिहार में तानाशाही का नीतीश मॉडल विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार...
पटनाः बिहार सरकार ने विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दिए जाने के फरमान जारी किया है। इसे लेकर भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर नीतीश सरकार भी राज्य में तानाशाही कायम करना चाहती है।
भट्टाचार्य ने बुधवार को हुई बैठक में कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही की तर्ज पर बिहार में तानाशाही का नीतीश मॉडल विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए कुछ दिन पहले ही नीतीश सरकार ने सोशल मीडिया पर की गई आलोचनाओं को अपराध की श्रेणी में डाल दिया था और अब प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वालों को नौकरी नहीं दिए जाने का फरमान जारी कर दिया है। यह प्रतिवाद के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर देने की साजिश है। हमारी पार्टी इसकी मुखालफत करती है और ऐसे लोकतंत्र विरोधी निर्देशों को अविलंब वापस लेने की मांग करती है।
भाकपा-माले महासचिव ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार एक बड़ा मुद्दा था। चुनाव के बाद बिहार के छात्र-नौजवान ठगा महसूस कर रहे हैं। सरकार उनके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार कर रही है और उनसे संवाद तक नहीं करना चाहती है। हाल ही में पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर बर्बर लाठियां चलाई गईं। उनकी मांगों को सुनने और बहाली प्रक्रिया आरंभ करने की बजाए सरकार छात्र-युवाओं और अन्य तबकाई आंदोलनकारियों को धमका रही है।