Bihar: शहरी क्षेत्रों में फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई फार्मिंग बेड योजना, पहले फेज में इन जिलों में चलाई जाएगी स्कीम

Edited By Swati Sharma, Updated: 27 Dec, 2024 06:30 PM

farming bed scheme created to promote farming in urban areas

सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने मीठापुर स्थित कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं की समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक...

पटना: सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने मीठापुर स्थित कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं की समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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'किसानों तक कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पहुंचाना हमारा लक्ष्य'
पांडेय ने मौजूद पदाधिकारियों से चालू वित्तीय वर्ष में चलाई जा रही बागवानी विकास कार्यक्रमों के प्रगति की अद्यतन जानकारी ली। कृषि विभाग द्वारा राज्य में चल रही उद्ययानिक फसलों की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने से संबंधित योजना, वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य योजना अंतर्गत मखाना विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आम विकास योजना समेत कई योजनाओं की समीक्षा कृषि मंत्री ने की। पांडेय ने कहा कि राज्य के हर किसानों तक कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पहुंचाना हमारा लक्ष्य है, ताकि हमारे राज्य के किसान खुशहाल और समृद्ध बन सके। कृषि योजनाओं का पूरा लाभ राज्य के किसानों को मिले इसके लिए कृषि विभाग लगातार प्रयत्नशील हैं। उन्होंने राज्य स्कीम मद से छत पर बागवानी अंतर्गत गमलों एवं फार्मिंग बेड योजना पर विशेष जोर देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में घर के छत पर फल, फूल एवं सब्जी की उपज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जाए। लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए सूबे के चार जिलों में कम कीमत में पौधों समेत गमलों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

कृषि मंत्री ने कहा कि योजना का लाभ राजधानी के पटना सदर, दानापुर, फुलवारी एवं खगौल तथा भागलपुर, गया एवं मुजफ्फरपुर जिले के शहरी क्षेत्र के लोग फिलहाल ले सकते हैं। इस योजना में वैसे व्यक्ति जिनके पास अपना घर हो अथवा अपार्टमेंट में फ्लैट हो और जिसके छत पर 300 वर्ग फीट जगह हो लाभ उठा सकते हैं। वहीं स्वयं के मकान की स्थिती में छत पर 300 वर्ग फीट खाली स्थल जो किसी भी हस्तक्षेप से स्वतंत्र हो तथा अपार्टमेंट की स्थिती में अपार्टमेंट की पंजीकृत सोसाईटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। योजना में प्रति इकाई 300 वर्ग फीट का इकाई लागत 48 हजार 574 एवं अनुदान 75 प्रतिशत अर्थात 36430.50 तथा शेष 12143.50 रूपये लाभार्थी द्वारा देय होगा।

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कृषि मंत्री ने पदाधिकारियों को दिए ये निर्देश
कृषि मंत्री ने समीक्षा बैठक में नलकूप योजना, बीज मसाले एवं सहजन योजना, राज्य योजना अंतर्गत सब्जी विकास योजना तथा प्याज भंडारण संरचना और मखाना भंडार गृह निर्माण सहित कई योजनाओं की भी समीक्षा की। जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, हाल ही में शुरु की गई ड्रोन दीदी योजना, वर्षा आधारित कृषि योजनाओं और पौधा संरक्षण एवं उपादान समेत बिहार राज्य जैविक मिशन अंतर्गत चल रही योजनाओं के प्रगति की भी जानकारी कृषि मंत्री ने ली। वहीं निजी सिंचाई कूप निर्माण योजना प्रधानमंत्री कृषि योजना सहित अन्य कल्याणकारी कृषि योजनाओं का युद्ध स्तर पर कार्यान्वयन का निर्देश कृषि मंत्री ने मौजूद पदाधिकारियों को दी। समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल, बिहार राज्य बीज निगम के एमडी आलोक रंजन घोष, विशेष सचिव वीरेंद्र यादव, कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह सहित कई अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद रहे।

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