Edited By Ramanjot, Updated: 15 Nov, 2020 10:06 AM
वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन जी टी) के निर्देश पर पटना समेत बिहार के तीन जिलों में पटाखों के कारोबार और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इसपर अंकुश लगाने में नाकाम रहा।
पटनाः वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन जी टी) के निर्देश पर पटना समेत बिहार के तीन जिलों में पटाखों के कारोबार और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इसपर अंकुश लगाने में नाकाम रहा।
एनजीटी के निर्देश पर देर से सक्रिय हुए पटना जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम को सभी थानाध्यक्षों को पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया लेकिन इससे पहले ही पटना में पटाखों की दुकानें सज चुकी थी और खूब बिक्री भी हुई। जिलाधिकारी कुमार रवि ने जनहित में आम नागरिकों से पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा और वायु की गुणवत्ता के लिए यह जरूरी है। पुलिस की ओर से आदेश का सख्ती से पालन नहीं कराए जाने के कारण शाम ढलते ही आतिशबाजी शुरू हो गई, जो रात तक जारी रही।
यही हाल गया और मुजफ्फरपुर में भी देखने को मिला। पुलिस ने पटाखा छोड़ने वालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की और मूकदर्शक बनी रही। गौरतलब है कि एनजीटी ने देश के उन 122 शहरों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश जारी किया था, जहां नवंबर 2019 में वायु की गुणवत्ता खराब या विषैली श्रेणी में पाई गई थी। इनमें बिहार का पटना, गया और मुजफ्फरपुर जिला शामिल है।