Edited By Ramanjot, Updated: 08 Oct, 2020 10:36 AM
बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर राजनीति में आए गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) बकसर से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनके हाथ में निराशा लगी है। गुप्तेश्वर पांडेय को न तो जदयू ने टिकट दिया और न ही...
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर राजनीति में आए गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) बकसर से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनके हाथ में निराशा लगी है। गुप्तेश्वर पांडेय को न तो जदयू ने टिकट दिया और न ही भाजपा ने।
इस पर पूर्व डीजीपी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, "अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फोन नहीं करें। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें!"
बताया जाता है कि गुप्तेश्वर पांडेय मुख्यमंत्री नीतीश के कहने पर राजनीति में आए थे। इसलिए उनके जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही थीं। VRS लेने के दो दिन बाद ही उन्होंने घोषणा की थी कि अगर मौका मिला तो वे चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वे राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं, लेकिन जदयू के उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम नहीं है।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बुधवार को 115 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा कि एनडीए में जदयू को 122 सीटें मिली हैं। उन्होंने कहा कि इसमें से 115 सीट पर जदयू और सात सीटों पर सहयोगी जीतन राम मांझी की हम पार्टी चुनाव लड़ रही है।