Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jan, 2022 01:14 PM
बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद के साथ संयुक्त रूप से बैठक करने के बाद गठबंधन पर...
पटनाः उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विपक्षी दलों के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों की भी चुनौती झेलनी पड़ रही है। सत्तारूढ़ भाजपा का उत्तर प्रदेश में पहले से ही अपना दल और निषाद पार्टी से गठबंधन है।
बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद के साथ संयुक्त रूप से बैठक करने के बाद गठबंधन पर मुहर भी लगा लगा दी है। लेकिन, इसके उलट भाजपा को राजग के ही दो घटक दलों से सीटों के मुद्दे पर अलग किस्म की चुनौती मिल रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को बिहार में सत्तारूढ़ राजग के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और मत्स्य एवं संसाधन मंत्री मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तेवर काफी कड़े नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी का सीधा असर इन दिनों बिहार में देखने को मिल रहा है। जदयू और वीआईपी ने सीटों की दावेदारी को लेकर भाजपा पर वादाखिलाफी करने का आरोप भी लगाया है। जदयू के वरिष्ठ नेता के. सी. त्यागी ने तो यहां तक कहा, ‘‘हम राजग में ही हैं लेकिन भाजपा से नाराज नहीं निराश होकर हमने उत्तर प्रदेश में अपने बलबूते चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।'' बावजूद इसके जदयू नेतृत्व अभी भी भाजपा से गठबंधन की उम्मीद लगाए हुए हैं और इसी को लेकर लगातार मंथन चल रहा है।