Edited By Nitika, Updated: 07 Jun, 2024 08:43 AM
केंद्र में अगली सरकार के गठन के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों पर काफी हद तक निर्भर रहने के बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विशेष राज्य का दर्जा जैसी अपनी मांगों पर कायम रहेगी।
पटनाः केंद्र में अगली सरकार के गठन के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों पर काफी हद तक निर्भर रहने के बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विशेष राज्य का दर्जा जैसी अपनी मांगों पर कायम रहेगी।
जद(यू) प्रमुख बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बिहार कैबिनेट ने पिछले साल एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने का अनुरोध किया था। तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा राज्य में किए गए जाति सर्वेक्षण के निष्कर्षों के कारण फिर से यह मांग की गई थी। हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के मद्देनजर किसी भी राज्य से ‘‘विशेष श्रेणी का दर्जा'' की मांग पर विचार नहीं करेगी। जद(यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ‘‘जद(यू) राजग में है और इसमें बना रहेगा। लेकिन बिहार की वित्तीय स्थिति और अर्थव्यवस्था से संबंधित कुछ मांगें हैं जिन्हें केंद्र द्वारा संबोधित करने की आवश्यकता है।''
चौधरी ने कहा था, ‘‘बिहार अपने वित्त का प्रबंधन स्वयं कर रहा है। हम देश के सबसे गरीब राज्यों में से हैं। हम जद(यू) बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की अपनी मांग पर कायम हैं।'' बिहार के संसदीय कार्य मंत्री चौधरी ने बताया, ‘‘बिहार सरकार 2011-12 से राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है। इससे पहले एक प्रस्ताव इस संबंध में बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था। बिहार के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज/विशेष सहायता की आवश्यकता है। बिहार सबसे योग्य राज्य है, जिसे केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने पहले स्वीकार किया था कि बिहार ने पिछले दशक में कई क्षेत्रों में ‘‘जबरदस्त प्रगति'' की है, लेकिन अतीत में इसके कमजोर आधार के कारण, राज्य को सभी पहलुओं से दूसरे प्रदेशों की तरह प्रगति करने में कुछ और समय लग सकता है। यही कारण है कि हम केंद्र से विशेष सहायता की मांग कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
चौधरी ने कहा कि राज्य ने न केवल लगातार विकास किया है बल्कि सबसे विकसित राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। हमें राज्य के समग्र विकास के लिए एक विशेष पैकेज की आवश्यकता है।