Edited By Nitika, Updated: 10 Jun, 2024 03:44 PM
![karpuri thakur did not want that ramnath to enter politics](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_15_44_319325027untitled-119-ll.jpg)
सामाजिक न्याय के पुरोधा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर कभी नहीं चाहते थे कि उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर राजनीति में जाएं लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वह राजनीति में भी आए, प्रदेश में मंत्री रहे और अब केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय मंत्री...
पटनाः सामाजिक न्याय के पुरोधा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर कभी नहीं चाहते थे कि उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर राजनीति में जाएं लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वह राजनीति में भी आए, प्रदेश में मंत्री रहे और अब केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए।
जननायक कर्पूरी ठाकुर और फुलेश्वरी देवी के घर 03 मार्च 1950 को जन्मे रामनाथ ठाकुर 73 वर्षीय रामनाथ ठाकुर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से राज्यसभा सांसद हैं और बिहार के समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम के रहने वाले है। वह बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पहले मंत्रिमंडल में गन्ना उद्योग मंत्री थे। वह नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में नवंबर 2005 से नवंबर 2010 तक राजस्व और भूमि सुधार, कानून, सूचना और जनसंपर्क मंत्री थे। ठाकुर ने फरवरी 1988 में कर्पूरी ठाकुर के निधन के कुछ महीनों बाद चुनावी राजनीति में कदम रखा और विधायक चुने गए। उन्हें 1994 में बिहार विधानमंडल के उच्च सदन के लिए नामांकित किया गया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले ठाकुर ने वर्ष 2000, फरवरी 2005 और फिर अक्टूबर 2005 में समस्तीपुर से सफलतापूर्वक विधानसभा चुनाव लड़ा और भूमि और राजस्व मंत्री के रूप में कार्य किया। हालांकि ठाकुर वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से हार गए, जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 206 सीटें जीतीं थी।