Edited By Ramanjot, Updated: 10 Sep, 2021 05:40 PM
गौरतलब है कि देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर 23 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था जिसमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, भाजपा, जदयू,...
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना को राष्ट्र निर्माण के लिए बेहद जरूरी बताया और कहा कि यह मनुष्यता का भी प्रश्न है। उन्होंने शुक्रवार को सोशल नेटवकिर्ंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, 'जातीय जनगणना कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्र-निर्माण की अति जरूरी पहल है। सामाजिक न्याय और बंधुता का प्रश्न मनुष्यता का प्रश्न है और जातिवार जनगणना के हासिल को उसी की एक कड़ी के रूप में देखा जाना चाहिए।'
गौरतलब है कि देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर 23 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था जिसमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, भाजपा, जदयू, कांग्रेस, हम और वामपंथी दलों के सदस्य शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से कहा था कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है। यह एक बार जरूर हो जानी चाहिए। यह सबके हित में है। वर्ष 1931 में जातिगत आधार पर जनगणना कराई गयी थी, ये आंकड़े काफी पुराने हो गए हैं। इस बार जातिगत जनगणना हो जाने से सही आंकड़ा आ जाएगा और इसके बाद जिन वर्गों को सरकार की योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी लंबे समय से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग करते रहे हैं। इस बार मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा था कि वर्ष 2021 की जनगणना में अनुसूचित जाति जनजाति के अलावा किसी भी अन्य जाति की गणना नहीं कराई जाएगी। इसके बाद से एक बार फिर इस मांग ने गति पकड़ ली है। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे और उसके बाद ही उन्होंने उनकी सलाह पर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था।