Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jun, 2023 09:45 AM

सुशील मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इंजीनियर नीतीश कुमार बताएं कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पड़े सुल्तानगंज महासेतु का हिस्सा ढहने की बड़ी घटना के बाद निर्माण एजेंसी पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करने के बजाय उसे 15 दिन का नोटिस देकर सरकार उसे बचा रही है।
सुशील मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इंजीनियर नीतीश कुमार बताएं कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख अपनाते हुए एजेंसी को क्लीनचिट न दी गई होती तो पुल के पाये ढहने की घटना दोबारा न होती। भाजपा सांसद ने कहा कि पहली बार पाया धंसने की जांच आईआईटी रुड़की को दी गई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट ऐसी दूसरी घटना के बाद आई। इतनी देर से जांच रिपोर्ट देने वालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि अगर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में गलती थी, तो इसे स्वीकृति देने वाले अभियंताओं पर क्या कार्रवाई हुई।
मोदी ने कहा कि पथ निर्माण मंत्री कोई हो, सारे काम की निगरानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करते हैं और उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। उन्होंने कहा कि जब सड़क, पुल, महासेतु तक सारे निर्माणों का श्रेय इंजीनियर मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं तो पुल ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए।