'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में नीतीश ने सुनी 64 लोगों की समस्याएं, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Nov, 2022 04:00 PM

nitish listened to problems of 64 people in chief minister in public court

आज सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी...

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 84 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

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इन विभागों से संबंधित मामलों पर हुई सुनवाई
आज सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई। आज 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पश्चिम चंपारण जिला के भितिहरवा से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे परिजन का कोरोना के कारण अनुमंडल अस्पताल में ही निधन हो गया, कोविड जांच भी पॉजिटिव पाया गया उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे मानने को तैयार नहीं है। कोरोना से मृत्यु के पश्चात् मिलने वाली सहायता राशि अब तक नहीं मिल पाई है। वहीं मुंगेर जिला से आई एक महिला ने भी मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पति की भागलपुर सरकारी अस्पताल में वर्ष 2021 में ही कोरोना से मृत्यु हो गई थी। मगर अब तक किसी प्रकार सहायता नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को मामले की जांचकर शीघ्र समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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मुख्यमंत्री ने दिए उचित कार्रवाई के निर्देश
समस्तीपुर जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पिता सरकारी शिक्षक थे, जो वर्ष 2009 में सेवानिवृत हो चुके थे, उनका देहांत वर्ष 2016 में हो गया, उसके बाद से विभाग ने पेंशन देना बंद कर दिया है। मेरे पिताजी की दो शादियां थीं पहली शादी से एक भी संतान नहीं थी, जबकि दूसरी शादी से हम छह भाई-बहन हैं। पटना हाईकोर्ट ने हम सभी भाई बहनों को अपने डिसिजन में पेंशन देने को कहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी समस्तीपुर ने दो साल विलंब से 2022 में आदेश दिया, मगर अब तक पेंशन शुरु नहीं किया जा सका है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। लखीसराय जिला से आई एक महिला ने मुख्यमंत्री से आंगनबाड़ी सेविका के चयन में अनियमितता बरते जाने की शिकायत की। वहीं पूर्वी चंपारण जिला से आई एक युवती ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में उनका आंगनबाड़ी सेविका में चयन हो गया है लेकिन अब तक योगदान नहीं दिलाया गया है। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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कार्यक्रम में उपस्थित रहे ये मंत्री
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में वित्त, वाणिज्य कर सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री जितेन्द्र कुमार राय, सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री मो. इसराईल मंसूरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

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