Edited By Ramanjot, Updated: 19 Sep, 2022 03:21 PM

'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पश्चिम चंपारण जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा बिजली बिल अधिक आया जिसकी शिकायत हमने की मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का...
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 66 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग एवं विधि विभाग से संबंधित विषय निर्धारित थे।
"पिता की मृत्यु के बाद नहीं मिली कोई सुविधा"
'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पश्चिम चंपारण जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा बिजली बिल अधिक आया जिसकी शिकायत हमने की मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। औरंगाबाद जिला से आए एक युवक ने कहा कि मेरे पिता जी भू-अर्जन पदाधिकारी थे। जिनकी मृत्यु नौकरी के दौरान ही वर्ष 1993 में हो गई थी। मेरी मां लगातार विभाग के चक्कर काटती रही मगर आज तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली।
मधेपुरा से आए दिव्यांग ने लगाई गुहार
मधेपुरा जिला से आए एक दिव्यांग ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरे आमदनी का कोई जरिया नहीं है। जन वितरण प्रणाली का लाइसेंस मुझे निर्गत करने का आदेश दिया जाए, इसके लिए हमने संबंधित अधिकारियों से गुहार भी लगाई ताकि मैं अपना जीविकोपार्जन कर सकूं। वहीं जमुई जिले से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 1978 में मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई थी मगर आज तक अनुकंपा के आधार पर मुझे नौकरी नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।