Bihar News: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, आज के दिन का है खास महत्व

Edited By Swati Sharma, Updated: 15 Nov, 2024 11:35 AM

on the occasion of kartik purnima devotees took a holy dip in the ganga

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बिहार में श्रद्धालुओं ने आज गंगा नदी में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा...

पटना: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बिहार में श्रद्धालुओं ने आज गंगा नदी में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान कर के दीपदान एवं दान करने का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया था। इसी कारण से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं, जिसकी खुशी में देवताओं ने हजारों दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। जो आज भी देव दिवाली के रूप में मनाई जाती है। साथ ही सिखों के लिए भी ये दिन खास होता है क्योंकि इस दिन गुरु नानक जयंती होती है। इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान विष्णु का ही एक नाम है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन काफी पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।  

स्नान के बाद लोगों ने विभिन्न मंदिरों में की पूजा-अर्चना
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर राजधानी पटना में देर रात से ही ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो अभी तक जारी है। सुबह होते ही श्रद्धालु ‘हर-हर गंगे, जय गंगा मैया, हर हर महादेव' के जयकारे के साथ गंगा में डुबकी लगाने लगे। स्नान के बाद लोगों ने विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की और दान किया। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस दिन जो भी दान किया किया जाता है, उसका पुण्य कई गुना अधिक प्राप्त होता है। इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। पटना से हजारों श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए सोनपुर भी पहुंचे और वहां स्नान के साथ ही महादेव की पूजा-अर्चना की।      

PunjabKesari

आज के दिन घर में दीपक जलाने से मिलता है पुण्य
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और भगवान हरि एवं शिव की पूजा करने से पूर्व जन्म के साथ इस जन्म के भी सारे पाप नाश हो जाते हैं। साथ ही गंगा या अन्य नदियों में स्नान से साल भर के गंगा स्नान और पूर्णिमा स्नान का फल मिलता है। भगवान श्रीहरि ने कार्तिक पूर्णिमा पर ही मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सोनपुर में गंगा गंडकी के संगम पर गज और ग्राह का युद्ध हुआ था। गज की करुणामई पुकार सुनकर भगवान विष्णु ने ग्राह का संहार कर भक्त की रक्षा की थी। इस दिन घर में दीपक जलाने से पुण्य मिलता है, और जीवन में ऊर्जा का संचार भी होता है। लोग व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।


 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!