Edited By Ramanjot, Updated: 17 Dec, 2025 09:36 AM

बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आई है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान की पहचान अब पूरी तरह बदलने जा रही है।
Patna News: बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आई है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान की पहचान अब पूरी तरह बदलने जा रही है। मैदान की घास को हो रहे नुकसान, उड़ती धूल और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने सख्त फैसला लिया है। अब गांधी मैदान में युवक-युवतियां दौड़, कूद-फांद या प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े किसी भी तरह के फिजिकल टेस्ट की तैयारी नहीं कर सकेंगे। कोचिंग संस्थानों और निजी प्रशिक्षकों द्वारा कराए जा रहे शारीरिक अभ्यास पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
पटना के गांधी मैदान में फिजिकल ट्रेनिंग पर क्यों लगी रोक?
प्रशासन को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि फिजिकल ट्रेनिंग के कारण गांधी मैदान की हरियाली तेजी से खत्म हो रही है। कई हिस्सों में गड्ढे बन गए हैं, जिससे धूल उड़ती है और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी खराब हो रही है। इन शिकायतों के बाद मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में गांधी मैदान में शारीरिक अभ्यास पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।
अब कहां कर सकेंगे युवा फिजिकल ट्रेनिंग?
प्रशासन ने साफ किया है कि युवाओं की शारीरिक गतिविधियों पर पूर्ण रोक नहीं है। इसके लिए वैकल्पिक स्थान तय किए गए हैं।
इन जगहों पर मिलेगा अभ्यास का मौका
गंगा पथ,कलेक्ट्रेट घाट,प्रशासन द्वारा चिन्हित अन्य खुले क्षेत्र। इन स्थानों पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से फिजिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे।
पटना गांधी मैदान को ऐसे बनाया जाएगा हरा-भरा
गांधी मैदान के सौंदर्याकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशासन ने कई स्तरों पर योजना बनाई है।
- हरियाली लौटाने के लिए होंगे ये काम
- सुबह और शाम नियमित पानी का छिड़काव
- क्षतिग्रस्त हिस्सों में दोबारा घास लगाना
- खाली जगहों पर पौधारोपण
- बढ़ते AQI लेवल को नियंत्रित करने के उपाय
श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति को मैदान के विकास और सौंदर्याकरण से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वॉकिंग ट्रैक और सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत
गांधी मैदान में आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वॉकिंग ट्रैक और पाथ-वे की मरम्मत की जाएगी।
- सुरक्षा को लेकर भी बड़े कदम
- टूटे वॉकिंग ट्रैक की मरम्मत
- जरूरत के अनुसार नए ट्रैक का निर्माण
- नियमित पुलिस गश्त
- अंधेरे हिस्सों में नई स्ट्रीट लाइट
प्रशासन का मानना है कि इन उपायों से गांधी मैदान अपनी पुरानी गरिमा, हरियाली और स्वच्छ वातावरण फिर से हासिल करेगा।