Edited By Ramanjot, Updated: 11 Jun, 2021 10:52 AM
पटना एम्स के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेश ने बताया कि हाल में उनके अस्पताल में भर्ती और घर में पृथकवास में रह रहे करीब 100 कोविड-19 मरीजों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। यह दवा लेने वाले मरीजों की 10 दिन बाद जांच कराई गई, तो वे संक्रमणमुक्त पाए...
पटनाः बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के एक अध्ययन में कोरोना वायरस के मामूली और शुरुआती लक्षणों वाले मरीजों पर फाइटोरिलीफ दवा के सकारात्मक परिणाम दिखे हैं।
पटना एम्स के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेश ने बताया कि हाल में उनके अस्पताल में भर्ती और घर में पृथकवास में रह रहे करीब 100 कोविड-19 मरीजों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। यह दवा लेने वाले मरीजों की 10 दिन बाद जांच कराई गई, तो वे संक्रमणमुक्त पाए गए। उन्होंने बताया कि अनुसंधान में पता चला कि फाइटोरिलीफ रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाती है और कोरोना वायरस के मरीजों को जल्द स्वस्थ करने भी मदद करती है। इस अनुसंधान के परिणाम काफी आशाजनक हैं और शुरूआती दौर में इसके कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं।
डॉ. योगेश ने कहा कि यह दवा एक प्राकृतिक विषाणु रोधी एजेंट है जो कोरोना वायरस के मामूली और शुरुआती लक्षणों को ठीक करने में कारगर है। एल्कैम लाइफ द्वारा विकसित फाइटोरिलीफ दवा संबंधी किए गए विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि यह खांसी, सर्दी और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को चार गुना तक बढ़ाने में प्रभावी है।