"मायका एक सुरक्षित स्थान बने, जहां बेटी बिना किसी डर के...." Rohini Acharya ने CM नीतीश से की ये मांग

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Dec, 2025 11:30 AM

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Rohini Acharya News: रोहिणी आचार्य ने एक्स पर कहा कि लड़कियों को दस हजार की सहायता या साइकिलें बांटना सरकार के नेक इरादे बताता है, लेकिन इससे महिला सशक्तिकरण के रास्ते में आने वाली बाधाएं खत्म नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज का यह प्रथम...

Rohini Acharya News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (Lalu Yadav) की पुत्री रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से गुहार लगाई और कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनके नेक इरादों के साथ उठाए उपाय अपर्याप्त है और राज्य सरकार का दायित्व है कि बेटियों के सामान अधिकार के लिए भविष्य में ठोस कदम उठाए। 

"बेटियां सामाजिक और परिवारिक उदासीनता की शिकार"
रोहिणी आचार्य ने एक्स पर कहा कि लड़कियों को दस हजार की सहायता या साइकिलें बांटना सरकार के नेक इरादे बताता है, लेकिन इससे महिला सशक्तिकरण के रास्ते में आने वाली बाधाएं खत्म नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज का यह प्रथम दायित्व है कि बेटियों के समान अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में बेटियां सामाजिक और परिवारिक उदासीनता की शिकार हैं और इसका स्थायी निदान निकलना चाहिए, जिससे शादी के बाद भी महिलाएं अपने मायके में न्याय पा सकें। 

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी ने कहा कि बिहार में पितृसत्तात्मक मानसिकता सामाजिक और राजनीतिक, दोनों क्षेत्रों हावी है और आज आवश्यकता इस बात की है कि प्रत्येक बेटी को यह आश्वासन मिले कि उसके पास भी पुरुषों के सामान अधिकार हैं और उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है, जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म के जा कर रह सके। उन्होंने कहा है कि इस उपाय को लागू करना केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 

चुनावी नतीजों के बाद रोहिणी ने छोड़ दिया था माता-पिता का घर
उल्लेखनीय है कि रोहिणी आचार्य ने हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद परिवार में हुए उनके अपमान की वजह से अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया था। उन्होंने इस अपमान के लिए अपने भाई और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, सांसद संजय यादव और रमीज नीमत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में संजय और रमीज की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि राजद की करारी हार और 243 सदस्यीय नयी विधानसभा में पार्टी के केवल 25 सीटों पर सिमट जाने के लिए दोनों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आचार्य ने यह भी खुलासा किया था कि परिवार के एक सदस्य ने उन पर चप्पल फेंकी थी। इस अपमान के बाद वह अपनी मां राबड़ी देवी के 10, सकुर्लर स्थित आवास से बाहर निकलीं और आक्रोशित होकर उन्होंने राजनीति छोड़ने की भी घोषणा कर दी थी। 

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