Edited By Ramanjot, Updated: 22 Sep, 2024 02:07 PM
पटना व्यवहार न्यायालय स्थित निगरानी की विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिले के दानपुर प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ रामविलास चौधरी, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम (एनआरडीपी) के सहायक अभियंता नेमलाल सिंह, कनीय...
पटना: बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, जालसाजी तथा सरकारी राशि के गबन के मामले में आरोपित तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) समेत छह लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
पटना व्यवहार न्यायालय स्थित निगरानी की विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद पटना जिले के दानपुर प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ रामविलास चौधरी, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम (एनआरडीपी) के सहायक अभियंता नेमलाल सिंह, कनीय अभियंता प्रमोद कुमार सिंह तथा ग्राम सेवक देवानंद चौधरी, ठेकेदार उपेंद्र कुमार एवं उमेश प्रसाद को साक्ष्य की कमी के कारण बरी कर दिया।
आरोप के अनुसार, इस मामले के अभियुक्तों ने वर्ष 1990-91 में पटना जिले के दानापुर प्रखंड क्षेत्र स्थित रामपुर पंचायत के फतेहपुर गांव में बिना कार्य किए करहा उड़ाही के नाम पर 25 हजार रुपये की सरकारी राशि का गबन किया था। मामले की प्राथमिकी वर्ष 1996 में दर्ज की गई थी।