CM Nitish का निर्देश- स्पीडी ट्रायल के लिए करें विशेष प्रयास ताकि कमजोर वर्ग को ससमय मिल सके न्याय

Edited By Ramanjot, Updated: 05 Jan, 2023 11:20 AM

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नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बुधवार को यहां ‘संवाद' में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतकर्ता और मॉनिटरिंग समिति की हुई बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति एवं...

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पुलिस महानिदेशक को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत अधिसूचित कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया हुए कहा कि स्पीडी ट्रायल के लिए विशेष प्रयास करें ताकि समाज के कमजोर वर्ग के सभी व्यक्तियों को ससमय न्याय मिल सके। 

"60 दिन के अन्दर दाखिल कराएं आरोप पत्र"
नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां ‘संवाद' में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतकर्ता और मॉनिटरिंग समिति की हुई बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अधिसूचित कार्यों की समीक्षा करें तथा विशेष अभियान चलाकर लंबित कांडों का तेजी से अनुसंधान कराकर निर्धारित 60 दिन के अन्दर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कराएं। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल के लिए विशेष प्रयास करें ताकि समाज के कमजोर वर्ग के सभी व्यक्तियों को ससमय न्याय मिल सके। 

"पीड़ितों को ससमय कराएं मुआवजा राशि का भुगतान" 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जिलों में दर्ज मामलों की समीक्षा करें एवं पीड़ित व्यक्तियों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान सुनिश्चित कराएं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक संरचनाओं को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए विस्थापित एवं वास-भूमि विहीन परिवारों की पहचान कर उन्हें वास-भूमि उपलब्ध कराने का काम भी जल्द पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर गठित सतकर्ता एवं मॉनिटरिंग समिति के कार्यकलापों की भी नियमित समीक्षा करें। 

"स्पीडी ट्रायल को लेकर लगातार करें समीक्षा" 
नीतीश कुमार ने कहा कि इस अधिनियम के तहत दर्ज कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए गठित अन्य विशेष न्यायालयों में दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई हो। योग्य विशेष लोक अभियोजकों को दायित्व सौंपे ताकि वे न्यायालय में बेहतर ढंग से पक्ष रख सकें। गृह विभाग एवं विधि विभाग कनविक्शन रेट में सुधार एवं लंबित मामलों में कमी लाने के लिए नियमित अनुश्रवण करें। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में कनविक्शन रेट और स्पीडी ट्रायल को लेकर लगातार समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिलास्तर पर अत्याचार के पीड़ित एवं आश्रितों को राहत अनुदान की स्वीकृति तत्काल दी जाए।

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